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कैट ने कपड़े पर जीएसटी दर वृद्धि के स्थगन के बाद अब उठाई संयुक्त समिति गठित करने की मांग

कैट ने कपड़े पर जीएसटी दर वृद्धि के स्थगन के बाद अब उठाई संयुक्त समिति गठित करने की मांग

Updated on: 01 Jan 2022, 11:30 PM

नई दिल्ली:

जीएसटी काउन्सिल द्वारा कपड़े पर जीएसटी की कर दर वृद्धि को स्थगित किए जाने के निर्णय के बाद कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( कैट) ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से आग्रह किया है कि, इस मुद्दे पर ता*++++++++++++++++++++++++++++र्*क और निष्पक्ष चर्चा तथा इस निर्णय के गुण-दोषों पर साफ बातचीत के लिए केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड की अध्यक्षता में एक संयुक्त कमेटी का गठन किया जाये, जिसमें वरिष्ठ अधिकारियों के साथ व्यापारी भी शामिल हों।

कहा कि, इस फैसले से देश भर में लगभग 90 लाख कपड़ा व्यापारियों और टेक्सटाइल से जुड़े अन्य कामों को करने वाले लोगों को तात्कालिक राहत मिली है। वहीं टेक्सटाइल की तरह फुटवियर भी ऐसा दूसरा सेक्टर है, जिसमें देश के 85 फीसदी से ज्यादा लोग एक हजार रुपये से कम की फुटवियर पहनते हैं, लिहाजा फुटवियर पर भी कर वृद्धि को भी स्थगित किया जाए।

इसके अलावा, जीएसटी की टैक्स कमेटी को इस मुद्दे पर विचार करने के लिए भेजे जाने का कोई औचित्य नहीं है, क्योंकि इसी कमेटी ने कपड़े पर 12 फीसदी कर दर लगाने की सिफारिश की थी, इसलिए उनका नजरिया निष्पक्ष नहीं हो सकता है।

कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि, चूंकि यह निर्णय वापस नहीं हुआ है बल्कि कुछ समय के लिए स्थगित हुआ है, इस ²ष्टि से कैट ने इस विषय तथा जीएसटी से संबंधित व्यापारियों के अन्य विषयों की लेकर पूरे देश में एक राष्ट्रीय चर्चा कराने का निर्णय लिया है।

हालांकि कैट ने एक राष्ट्रीय वस्त्र कमेटी का गठन किया है, जिसके चेयरमैन दिल्ली के वरिष्ठ व्यापारी नेता सुभाष गोयल तथा अध्यक्ष सुरेश बिंदल होंगे। वहीं सूरत के प्रमुख व्यापारी नेता प्रमोद भगत एवं दिल्ली रेडीमेड गारमेंट्स ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सतवंत सिंह संयोजक होंगे।

कैट ने बताया है कि, यह कमेटी देश के सभी प्रमुख कपड़ा मंडियों से बातचीत करेगी। वहीं केंद्र और सभी राज्य सरकारों के वित्त मंत्रियों से बात कर इस वृद्धि पर व्यापारियों का पक्ष रखेगी।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.