रियल एस्टेट मार्केट जीएसटी और रेरा के लागू होने की वजह से प्रभावित होगा और बाज़ार में तेज़ी आने के लिए अभी कुछ समय और इंतज़ार करना होगा। रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण (रेरा) और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से कम अवधि के लिए रियल एस्टेट प्रभावित हो सकता है। यह बात एक रिपोर्ट में सामने आई है।
केपीएमजी-मैजिकब्रिक्स की 'रेसिडेंटियल रियल एस्टेट : एन इनवेस्टेबल एसेट' रिपोर्ट के मुताबिक, 'यद्यपि अगली कुछ तिमाहियों में बाजार के जोर पकड़ने की संभावना है।'
इसमें आगे कहा गया, 'नोटबंदी के कारण साल 2016 के अंत से ही रियल एस्टेट बाजार में मंदी छाई है। वहीं, रेरा और जीएसटी के कारण भी इसमें अभी थोड़े समय के लिए बाधा उत्पन्न होगी।'
जीएसटी 2017: जानें क्या होगा सस्ता-महंगा, किसपर लगेगा कितना टैक्स
रिपोर्ट में कहा गया कि रियल एस्टेट क्षेत्र लंबे समय में घर खरीदारों को उनके निवेश पर अच्छा रिटर्न मुहैया कराती है और संभावना है कि यह आगे भी अच्छा प्रदर्शन करेगी, क्योंकि कई सकारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं। इनमें ब्याज दरों में कटौती, घर खरीदारों को ब्याज में छूट, मोरगेज पेनेट्रेशन में वृद्धि और रियल एस्टेट क्षेत्र और विनिर्माण क्षेत्र के लिए एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) के मानदंडों में छूट प्रमुख है।
इसके अलावा रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के रिहायशी प्रापर्टी बाजार की कीमतें पिछले एक दशक में दोगुनी हो गई है जो वैश्विक स्तर पर सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला बाजार है।
GST 2017: बिग बाज़ार की मेगा सेल 30 जून रात 12 बजे से शुरू
मैजिकब्रिक्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुधीर पाई ने बताया, 'साल 2030 तक भारत की शहरी आबादी में करीब 36 फीसदी वृद्धि का अनुमान है जो 58 करोड़ हो जाएगी। इससे देश में रिहायशी बाजार में काफी ज्यादा मांग बढ़ने की संभावना है।'
केपीएमजी के पार्टनर और प्रमुख (आसियान कॉरिडोर, बिल्डिंग, कंसट्रक्शन और रियल एस्टेट क्षेत्र) नीरज बंसल ने कहा, 'भारत में आवासीय संपत्ति बाजार में विकास के लिए एक मजबूत क्षमता है, जिसकी अगले दशक में काफी मूल्य वृद्धि की संभावना है।'
मनोरंजन: ईद पर साड़ी पहनने पर प्रेग्नेंट सोहा अली खान सोशल मीडिया पर हुईं ट्रोल
कारोबार से जुड़ी ख़बरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
Source : IANS