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GST काउंसिल की 17 सितंबर को लखनऊ में बैठक, जानिए क्यों है आपके लिए खास

जीएसटी काउंसिल की बैठक उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 17 सितंबर 2021 को होगी जिसमें देश भर से राज्यों के वित्तमंत्री के साथ जीएसटी काउंसिल के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे.

Updated on: 15 Sep 2021, 02:16 PM

लखनऊ:

जीएसटी काउंसिल की बैठक उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 17 सितंबर 2021 को होगी जिसमें देश भर से राज्यों के वित्तमंत्री के साथ जीएसटी काउंसिल के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे.  उत्तर प्रदेश चुनाव के नज़दीक होने की वजह से इस बैठक में कई अहम मुद्दों के साथ सबकी नजरें जीएसटी में लिए गए फैसलों पर होंगी. खास तौर पर कंपनसेशन सेस को लेकर फैसला होने की उम्मीद है जो राज्य सरकारों के लिए ख़ास मुद्दा रहने वाला है, लेकिन कयास ये भी लगाए जा रहे हैं कि आगामी चुनाव को देखते हुए बीजेपी शासित प्रदेशों से मिलकर सरकार पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाने को लेकर चर्चा कर सकती है. साथ में कुछ उत्पादों पर जीएसटी पर फैसला होने की उम्मीद है.

पेट्रोल-डीज़ल की बढ़ी कीमतों को केंद्र सरकार एक्साइज ड्यूटी घटाकर दे सकती है राहत

पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी में लाने की चर्चा के साथ सबसे खास बात है जनता को पेट्रोल डीज़ल की बढ़ी कीमतों से राहत देने की जिसको लेकर केंद्र सरकार 50:50 रेशियो में फॉर्मूला तैयार करके आम जनता को चुनाव से पहले राहत दे सकती है जिसमे जिसमे राज्यों से अपील की जाएगी कि वो वैट घटाएं और केंद्र सरकार भी एक्साइज ड्यूटी घटाकर जनता को 6-8 रुपये प्रति ली. तक कि राहत दे सके. 

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वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन करेंगी जीएसटी काउंसिल की बैठक की अध्यक्षता

हमेशा की तरह इस बार भी वित्तमंत्री निर्मलासीतारमन 45वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक में मौजूद रहेंगी इस बैठक को लेकर सरकार का रुख आगामी चुनाव के लिए साफ हो सकता है कि राहत देने के मुद्दे पर सरकार कितना गंभीर है, वित्तमंत्री के साथ इस बैठक में वित्त राज्यमंत्री भी शामिल होंगे.

महंगाई पर होगा मंथन

बढ़ती महंगाई इस बार के चुनाव में अहम मुद्दा न बन पाए इसको लेकर केंद्र सरकार गंभीर है खास तौर पर कुकिंग आयल की बढ़ती कीमतें सरकार के सामने संकट है इसलिए देश में पहले से ही कुकिंग आयल की क़ीमत कम हो सके इसके लिए विदेशों से आने वाले तेल पर इम्पोर्ट ड्यूटी को घटाया गया लेकिन इस मुद्दे पर केंद्र सरकार राज्य सरकारों से भी इस मामले पर सोच विचार जीएसटी काउंसिल की बैठक में होने की उम्मीद है.

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केंद्र सरकार से किसानों को मिलने वाला सालाना किसान सम्मान निधि को बढ़ाया जा सकता है

अभी तक किसान सम्मान निधि 6000 रुपये किसानों के खाते में सीधे भेजी जाती है जो 2000 रुपये की तीन किश्तों में भेजी जाती है, सूत्र बता रहे हैं कि केंद्र सरकार किसान सम्मान निधि को बढ़ाने पर फ़ैसला ले सकती है जिसे 8000 से 10000 तक किया जा सकता है.