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जीएसटी और मांग में कमी से मैन्युफैक्चरिंग में गिरावट, PMI इंडेक्स 50 से नीचे फिसला

जुलाई महीने में देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में गिरावट दर्ज की गई है। मैन्युफैक्चरिंग में आई गिरावट की वजह गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) का लागू किया जाना रहा है। देश में एक जुलाई से जीसटी को लागू किया गया है।

Updated on: 01 Aug 2017, 07:21 PM

highlights

  • जुलाई महीने में देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में गिरावट दर्ज की गई है
  • मैन्युफैक्चरिंग में आई गिरावट की वजह जीएसटी रही
  • देश में एक जुलाई से जीसटी को लागू किया गया है

नई दिल्ली:

जुलाई महीने में देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में गिरावट दर्ज की गई है। मैन्युफैक्चरिंग में आई गिरावट की वजह गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) का लागू किया जाना रहा है। देश में एक जुलाई से जीसटी को लागू किया गया है।

निक्केई इंडिया मैनुफैक्चरिंग पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) जुलाई में 47.9 पर रहा, जबकि यह जून माह में 50.9 पर था। पीएमआई मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की स्थिति को बयां करता है।

इंडेक्स में 50 से ऊपर का अंक आर्थिक गतिविधियों में तेजी की तरफ इशारा करता है जबकि50 से कम का मतलब आर्थिक गतिविधियों में मंदी से होता है।

निक्केई इंडिया मैनुफैक्चरिंग पीएमआई में जुलाई में साल 2009 के फरवरी माह के बाद से सबसे बड़ी गिरावट देखी गई है, जो साल 2017 में व्यापार गतिविधियों में गिरावट को दर्शाता है।

गौरतलब है कि पीएमआई से ठीक पहले जुलाई महीने में देश के कोर सेक्टर में आई मंदी ने आर्थिक ग्रोथ को लेकर चिंता बढ़ा दी है।

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जून महीने में देश के 8 बुनियादी उद्योगों (कोर सेक्टर) की ग्रोथ रेट कम होकर 0.4 फीसदी हो गई। पिछले साल जून महीने में 8 बुनियादी सेक्टर का ग्रोथ रेट 7 फीसदी थी। आठ बुनियादी सेक्टर में कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफायनरी प्रॉडक्ट्स, फर्टिलाइजर, इस्पात, सीमेंट और बिजली उत्पादन शामिल है।
पिछले महीने मई में कोर सेक्टर के उत्पादन में 4.1 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई थी।

आठ बुनियादी सेक्टर के ग्रोथ रेट से देश की अर्थव्यवस्था की हालत का अंदाजा लगाया जाता है। जून महीने में कोर सेक्टर की ग्रोथ रेट में आई जबरदस्त गिरावट अर्थव्यवस्था की चुनौतीपूर्ण तस्वीर पेश करती है।

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