कोविड-19 प्रतिबंधों में आयी ढील, नयी कारोबारी मांग और बड़ी बुकिंग के कारण देश के सेवा क्षेत्र का पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) सूचकांक फरवरी में तेजी दर्शाता हुआ 51.8 पर पहुंच गया। गत जनवरी में सेवा क्षेत्र का पीएमआई सूचकांक 51.5 रहा था।
इस सूचकांक में 50 से उपर रहना तेजी और 50 से नीचे रहना सुस्ती को दर्शाता है।
आईएचएस मार्किट के मुताबिक फरवरी में नया कारोबार और उत्पाद काफी तेजी से बढ़ा तथा कारोबारी धारणा भी मजबूत रही। इसके बावजूद कर्मचारियों की छंटनी का सिलसिला फरवरी में भी जारी रहा। जुलाई 2021 के बाद सर्वाधिक छंटनी फरवरी में हुई है।
सेवा क्षेत्र का लागत मूल्य और बिक्री मूल्य धीमी गति से बढ़ा।
कुछ कंपनियों का कहना है कि प्रतिस्पर्धात्मक दबाव, कोविड-19 और अधिक कीमत के कारण सेवा क्षेत्र का विकास प्रभावित रहा।
कुछ कंपनियों ने बताया कि विपणन के प्रयासों, मांग में तेजी और नये ग्राहकों के आने से बिक्री बढ़ी। हालांकि, लागत की कमी, महामारी और स्थानीय चुनावों के कारण नये कारोबारी मांग की गति सुस्त रही।
फरवरी में विदेशी मांग कमजोर रही। सितंबर 2021 के बाद पहली बार विदेशी मांग में इतनी गिरावट देखी गयी।
फरवरी में कंपनियों ने अधिक संचालन व्यय की बात की है। उनके मुताबिक रसायन, ऊर्जा, खाद्य पदार्थ, ईंधन, धातु, श्रम, प्लास्टिक और खुदरा मूल्य बढ़ने के कारण संचालन व्यय बढ़ा है।
हालांकि संचालन व्यय जनवरी की तुलना में कम हुआ है। जनवरी में संचालन व्यय 10 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था।
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Source : IANS