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भारतीय स्टेट बैंक (फाइल फोटो)
बैंकों द्वारा ट्रांजैक्शन शुल्क लिए जाने के फैसले के बाद सरकार ने बैंकों से इस फैसले पर दोबारा विचार करने को कहा है। इसके साथ ही केंद्र सरकार ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) से खातों में न्यूनतम बैलेंस नहीं होने पर पेनाल्टी लिए जाने के फैसले को वापस लेने को कहा है।
सूत्रों के मुताबिक, 'सरकार ने निजी और सरकारी बैंकों से कैश लेन-देन और तय संख्या से अधिक एटीएम निकासी पर लिए जाने वाले शुल्क के फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा है।'
Govt urges banks, including private ones, to reconsider charges on cash transactions & ATM withdrawals above certain limit: Sources
— ANI (@ANI_news) March 6, 2017
हाल ही में एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक ने एक महीने में चार बार से अधिक डिपॉजिट और निकासी पर न्यूनतम 150 रुपये शुल्क वसूलना शुरू किया है। बैंकों का यह फैसला नोटबंदी के बाद सरकार की तरफ से डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा दिए जाने की मुहिम के लिए झटका था।
वहीं एसबीआई ने ग्राहकों के लिए खातों में न्यूनतम बैलेंस बनाए रखने को अनिवार्य बनाते हुए कहा है कि ऐसा न करने वालों पर 1 अप्रैल से पेनल्टी लगाई जाएगी।
Govt asks SBI to reconsider it's decision of imposing a penalty on non-maintenance of minimum balance in accounts from April 1: Sources
— ANI (@ANI_news) March 6, 2017
स्टेट बैंक ने महानगरों में खातों के लिए न्यूनतम 5,000 रुपये, शहरी क्षेत्रों में 3,000, अर्ध शहरी क्षेत्रों में 2,000 तथा ग्रामीण इलाकों में 1,000 रुपये न्यूनतम बैलेंस रखना अनिवार्य कर दिया है। खातों में न्यूनतम बैलेंस नहीं रहने पर 1 अप्रैल से जुर्माना लगाया जाएगा।
और पढ़ें: स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में न्यूनतम बैलेंस नहीं होने पर एक अप्रैल से देना होगा जुर्माना
HIGHLIGHTS
- बैंकों द्वारा ट्रांजैक्शन शुल्क लिए जाने के फैसले के बाद सरकार ने बैंकों से इस फैसले पर दोबारा विचार करने को कहा है
- इसके साथ ही केंद्र सरकार ने एसबीआई से खातों में न्यूनतम बैलेंस नहीं होने पर पेनाल्टी लिए जाने के फैसले को वापस लेने को कहा है
Source : News State Buraeu