सरकार ने जारी की रिकैपिटलाइजेशन फंड की पहली खेप, 20 सरकारी बैंकों को मिले 88 हजार करोड़ रुपये

देश की अर्थव्यवस्था और विकास से जुड़े प्रोजेक्ट की फंडिंग को सहारा देने के लिए केंद्र सरकार ने इस वित्त वर्ष के दौरान 20 सरकारी बैंकों को 88,139 करोड़ रुपये दिए जाने की घोषणा की है।

author-image
Abhishek Parashar
एडिट
New Update
सरकार ने जारी की रिकैपिटलाइजेशन फंड की पहली खेप, 20 सरकारी बैंकों को मिले 88 हजार करोड़ रुपये

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली (फाइल फोटो)

देश की अर्थव्यवस्था और विकास से जुड़े प्रोजेक्ट की फंडिंग को सहारा देने के लिए केंद्र सरकार ने इस वित्त वर्ष के दौरान 20 सरकारी बैंकों को 88,139 करोड़ रुपये दिए जाने की घोषणा की है।

Advertisment

मौजूदा वित्त वर्ष में सबसे ज्यादा पूंजी आईडीबीआई को दी जाएगी। आईडीबीआई बैंक को इस साल 10,610 करोड़ रुपये दिया जाएगा।

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि वित्त मंत्रालय ने सरकारी बैंकों को पूंजी दिए जाने को लेकर विस्तृत विचार विमर्श किया। गौरतलब है कि सरकार ने पिछले साल अक्टूबर में सरकारी बैंकों को 2.1 लाख करोड़ रुपये की पूंजी दिए जाने की घोषणा की थी।

सरकारी बैंकों की हालत सुधारने के लिए की गई इस घोषणा के तहत इस पूंजी का आवंटन वित्त वर्ष 2017-18 और 2018-19 में किया जाना है। मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान स्टेट बैंक को जहां 8,800 करोड़ रुपये की पूंजी दी जाएगी वहीं बैंक ऑफ इंडिया 9,232 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।

और पढ़ें: लाभ का पद मामले में दिल्ली हाई कोर्ट से AAP को नहीं मिली अंतरिम राहत

वही यूको बैंक को 6,507 करोड़ रूपये और पंजाब नैशनल बैंक को 5,473 करोड़ रुपये मिलेंगे।

बैंक ऑफ बड़ौदा को 5,375 करोड़ रुपये, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया को 5,158 करोड़ रुपये, केनरा बैंक को 4,865 करोड़ रुपये, इंडियन ओवरसीज बैंक को 4,694 करोड़ रुपये और यूनिय बैंक ऑफ इंडिया को 4,524 करोड़ रूपये दिए जाएंगे।

वहीं ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स को 3,571 करोड़ रुपये जबकि देना बैंक को 3,045 करोड़ रुपये मिलेंगे।

बैंक ऑफ महाराष्ट्र को 3,173 करोड़ रुपये, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया को 2,634 करोड़ रुपये, कॉरपोरेशन बैंक को 2,187 करोड़, सिंडीकेट बैंक को 2,839 करोड़ रुपये, आंध्रा बैं को 1,890 करोड़ रुपये, इलाहाबाद बैंक को 1500 करोड़ रुपये और पंजाब एंड सिंध बैंक को 785 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।

वित्त मंत्री ने कहा कि बैंको में गर्वनेंस की स्थिति को आदर्श बनाने की कोशिश की जा रही है।

बैकों की खराब हालत के लिए पिछली सरकार पर निशाना साधते हुए जेटली ने कहा, 'हमें विरासत में बेहद खराब समस्या मिली थी, इसलिए हम इस समस्या का समाधान तलाशने में लगे हुए हैं।' उन्होंने कहा, 'हमारी भूमिका केवल समस्या को सुधारने की नहीं है बल्कि यह सुनिश्चत करने की है ताकि जो अतीत में हुआ, वह भविष्य में नहीं हो पाए।'

सरकारी बैंकों को एनपीए के दबाव का सामना करना पड़ रहा है और इस वजह से वित्तीय क्षेत्र दबाव का सामना कर रहा है। उन्होंने कहा, 'इस पूरी कवायद का मकसद सरकारी बैंकों की सेहत को अच्छी हालत में रखना है।'

इस दौरान डिपार्टमेंट ऑफ फाइनैंशियल सेक्रेटरी राजीव कुमार ने कहा कि बैंकों को पूंजी दिए जाने का फैसला उनकी क्षमता और प्रदर्शन के आधार पर तय किया गया है। उन्होंने कहा कि अब 250 करोड़ रुपये से अधिक के लोन की विशेष निगरानी की जाएगी।

और पढ़ें: वैश्वीकरण की फीकी पड़ती चमक के बीच भारत ने पकड़ी रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रासंफॉर्म की राह: WEF में PM मोदी

HIGHLIGHTS

  • केंद्र सरकार ने रिकैपिटलाइजेशन फंड की पहली खेप जारी कर दी है
  • 20 सरकारी बैंकों को 88,139 करोड़ रुपये का आवंटन कर दिया गया है
  • मौजूदा वित्त वर्ष में सबसे ज्यादा 10,610 करोड़ रुपये की पूंजी आईडीबीआई बैंक को मिलेगी

Source : News Nation Bureau

Public Sector Banks Under Recapitalization Program Recapitalization Program Arun Jaitley PSB finance-ministry
      
Advertisment