सरकार अपनी होल्डिंग वाली 3 सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों से बाहर निकलने की तैयारी में है। यह कंपनिया हैं भारत पंप्स एंड कंम्प्रेसर्स, बिज्र एंड रुफ कंपनी और हिंदुस्तान फ्लुऑरोकार्बन्स। सरकार स्ट्रेटिजिक ख़रीदारों के ज़रिए अपनी हिस्सेदारी बेचेगी।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2017-18 के बजट के दौरान भी सरकार की सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में विनिवेश और मर्जर व अधिग्रहण की बात कही थी। इस पर कदम बढ़ाते हुए सरकार चार सार्वजनिक कंपनियों- हिंदुस्तान प्रीफेब, इंजिनियरिंग प्रोजेक्ट्स (इंडिया) लिमिटेड, एचएससीसी (इंडिया) लिमिटेड एंड नेशनल प्रोजेक्ट कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन के मर्जर की योजना पर भी काम कर रही है।
इन कंपनियों के अलावा सरकार तीन और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों भारत पंप्स एंड कंम्प्रेसर्स, बिज्र एंड रुफ कंपनी और हिंदुस्तान फ्लुऑरोकार्बन्स में स्ट्रेटेजिक बायर के ज़रिए हिस्सेदारी बेचने की तैयारी कर रही है। सरकार भारत पंप्स एंड कंम्प्रेसर्स में स्ट्रेटेजिक सेल के ज़रिए 100 फीसदी इक्विटी बेचने की योजना बना रही है।
सिंतबर में कैबिनेट ने इलाहाबाद स्थित इस पीएसयू कंपनी के लिए स्ट्रेटेजिक सेल की मंजूरी दे दी थी। यह कंपनी हैवी ड्यूटी पंप्स का निर्माण और सप्लाई करती है। इसके अलावा कंपनी पेट्रोलियम एक्सपलोरेशन, रिफाइनरिज़, फर्टिलाइज़र्स और पावर सेक्टर के लिए सीएनजी गैस सिलेंडर्स की सप्लाई और निर्माण भी करती है।
इसके अलावा सरकार ब्रिज एंड रुफ कंपनी में भी 99.53 प्रतिशत और हिंदुस्तान फ्लुऑरोकार्बन्स यानि एचएफएल में भी अपनी पूरी 56.43 प्रतिशत की हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रही है।
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Source : News Nation Bureau