केंद्र सरकार ओएनजीसी के प्रमुख के लिए एक निजी क्षेत्र के कार्यकारी को नियुक्त करने पर विचार कर रही है। मीडिया रिपोर्ट्स में यह संभावना जताई गई है।
फरवरी में, केंद्र ने ओएनजीसी में एक अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक (सीएमडी) चुनने के लिए एक खोज-सह-चयन समिति (सर्च-कम-सिलेक्शन कमेटी) की स्थापना की थी, जिसके बारे में कहा जाता है कि वह निजी क्षेत्र के अधिकारियों की भी तलाश कर रही है।
मीडिया रिपोटरें में कहा गया है कि पैनल एक निजी क्षेत्र के कार्यकारी को आकर्षक मुआवजा देने के तरीके खोज रहा है, जो कई बार सार्वजनिक क्षेत्र की नौकरियों में प्रवेश के लिए एक बाधा के तौर पर सामने आता है।
सरकार के स्वामित्व वाली कंपनियों के अधिकारी वह वेतन पैकेज प्राप्त नहीं कर पाते हैं, जो निजी क्षेत्र के लोगों को दिया जाता है। हालांकि गौर करने वाली बात यह है कि पैनल की अभी औपचारिक बैठक नहीं हुई है।
इसमें सार्वजनिक उद्यम चयन बोर्ड (पीईएसबी) की अध्यक्ष मल्लिका श्रीनिवासन, तेल सचिव पंकज जैन और इंडियन ऑयल के पूर्व अध्यक्ष बी. अशोक शामिल हैं।
ट्रैक्टर निर्माता ट्रैक्टर्स और कृषि उपकरण (टीएएफई) की अध्यक्ष श्रीनिवासन निजी क्षेत्र की पहली पीईएसबी चेयरपर्सन हैं। पीईएसबी सरकार द्वारा संचालित संस्थाओं के लिए निदेशकों और अध्यक्षों का चयन करता है।
इससे पहले, यह बताया गया था कि समिति ने उन सभी नौ उम्मीदवारों को खारिज कर दिया, जिनका पिछले जून में ओएनजीसी में शीर्ष पद की भूमिका के लिए साक्षात्कार हुआ था। इनमें ओएनजीसी के कुछ अधिकारी और वरिष्ठ नौकरशाह शामिल थे।
पिछले कुछ वर्षों के दौरान भारत का तेल उत्पादन घट रहा है। 2017-18 में 3.57 करोड़ टन से, यह अगले वर्ष 3.42 करोड़ टन हो गया। इसके अलावा तेल उत्पादन 2019-20 में 3.22 करोड़ टन और 2020-21 में 3.05 करोड़ टन दर्ज किया गया।
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Source : IANS