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सरकार ने जनता को किया आगाह : 348 कंपनियां निधि के मानदंड पूरा करने में विफल

सरकार ने जनता को किया आगाह : 348 कंपनियां निधि के मानदंड पूरा करने में विफल

Updated on: 24 Aug 2021, 07:40 PM

नई दिल्ली:

कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय ने जनता और निधि व्यवसायों के हितधारकों को आगाह किया है, क्योंकि सरकार द्वारा अब तक जांच की गई कोई भी कंपनी निधि कंपनी घोषित होने के लिए आवश्यक मानदंडों को पूरा करने में सक्षम नहीं है।

निधि कंपनियों के व्यवसाय में सदस्यों से उधार लेना और सदस्यों को ही उधार देना शामिल है। वे गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) का एक वर्ग हैं और आम तौर पर निधि, स्थायी निधि, लाभ निधि, म्युचुअल बेनिफिट फंड और म्यूचुअल बेनिफिट कंपनी सहित कई नामों से जाने जाते हैं।

कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 406 और निधि नियम, 2014 (संशोधित) के तहत, निधि कंपनियों के रूप में निगमित कंपनियों को निधि कंपनी के रूप में घोषणा के लिए एनडीएच-4 के रूप में केंद्र सरकार को आवेदन करने की जरूरत होती है।

मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है, यह देखा गया है कि कंपनियां सीए, 2013 के तहत निधि के रूप में घोषणा के लिए केंद्र सरकार को आवेदन कर रही हैं, लेकिन 24 अगस्त, 2021 तक जांचे गए 348 फॉर्मो में से एक भी कंपनी केंद्र सरकार द्वारा घोषित निधि कंपनी के रूप में इसके लिए आवश्यक मानदंडों को पूरा नहीं कर सकी।

इसके अलावा, बड़ी संख्या में ऐसी कंपनियां हैं जो निधि कंपनी के रूप में कार्य कर रही हैं, जिन्होंने अभी तक केंद्र सरकार को निधि कंपनी घोषित करने के लिए आवेदन नहीं किया है जो सीए, 2013 और निधि नियम, 2014 का उल्लंघन है।

मंत्रालय ने हितधारकों को सलाह दी है कि वे एक निधि कंपनी के रूप में काम करने वाली कंपनी के पूर्ववृत्त को सत्यापित करें और सुनिश्चित करें कि कंपनी को सदस्य बनने से पहले केंद्र द्वारा एक निधि कंपनी के रूप में घोषित किया गया है और ऐसी कंपनियों में अपनी मेहनत की कमाई जमा या निवेश करना है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.