महंगाई पर काबू पाने के लिए सरकार ने जमा दरों में की बढ़ोतरी

बढ़ती महंगाई से चिंतित सरकार ने महंगाई पर लगाम लगाने के मकसद से 30 सितंबर को वरिष्ठ नागरिक बचत योजना के लिए ब्याज दर 20 आधार अंक बढ़ाकर 7.4 फीसदी से 7.6 फीसदी कर दी.,इसके अलावा, किसान विकास पत्र के लिए ब्याज दर अब 123 महीने की परिपक्वता अवधि के लिए 7 प्रतिशत है, जबकि पहले 124 महीने की परिपक्वता अवधि के लिए यह दर 6.9 प्रतिशत थी. इसी तरह, संशोधन के बाद, डाकघरों में तीन साल की सावधि जमा पर 5.5 प्रतिशत की तुलना में अब 5.8 प्रतिशत ब्याज मिलेगा. दो साल की सावधि जमा के लिए, दर वृद्धि 5.5 प्रतिशत से 5.7 प्रतिशत तक केवल 20 आधार अंक थी.

बढ़ती महंगाई से चिंतित सरकार ने महंगाई पर लगाम लगाने के मकसद से 30 सितंबर को वरिष्ठ नागरिक बचत योजना के लिए ब्याज दर 20 आधार अंक बढ़ाकर 7.4 फीसदी से 7.6 फीसदी कर दी.,इसके अलावा, किसान विकास पत्र के लिए ब्याज दर अब 123 महीने की परिपक्वता अवधि के लिए 7 प्रतिशत है, जबकि पहले 124 महीने की परिपक्वता अवधि के लिए यह दर 6.9 प्रतिशत थी. इसी तरह, संशोधन के बाद, डाकघरों में तीन साल की सावधि जमा पर 5.5 प्रतिशत की तुलना में अब 5.8 प्रतिशत ब्याज मिलेगा. दो साल की सावधि जमा के लिए, दर वृद्धि 5.5 प्रतिशत से 5.7 प्रतिशत तक केवल 20 आधार अंक थी.

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IANS
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Nirmala Sitharaman

(source : IANS)( Photo Credit : Twitter )

बढ़ती महंगाई से चिंतित सरकार ने महंगाई पर लगाम लगाने के मकसद से 30 सितंबर को वरिष्ठ नागरिक बचत योजना के लिए ब्याज दर 20 आधार अंक बढ़ाकर 7.4 फीसदी से 7.6 फीसदी कर दी.,इसके अलावा, किसान विकास पत्र के लिए ब्याज दर अब 123 महीने की परिपक्वता अवधि के लिए 7 प्रतिशत है, जबकि पहले 124 महीने की परिपक्वता अवधि के लिए यह दर 6.9 प्रतिशत थी. इसी तरह, संशोधन के बाद, डाकघरों में तीन साल की सावधि जमा पर 5.5 प्रतिशत की तुलना में अब 5.8 प्रतिशत ब्याज मिलेगा. दो साल की सावधि जमा के लिए, दर वृद्धि 5.5 प्रतिशत से 5.7 प्रतिशत तक केवल 20 आधार अंक थी.

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वहीं, सार्वजनिक भविष्य निधि (जहां ब्याज दर 7.1 प्रतिशत है), सुकन्या समृद्धि योजना (7.6 प्रतिशत), बचत जमा (4 प्रतिशत) और राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (6.8 प्रतिशत) जैसी अधिक लोकप्रिय योजनाओं के लिए ब्याज दरें नहीं बदली गईं. एक साल और पांच साल की सावधि जमा की दरों को भी क्रमश: 5.5 प्रतिशत और 6.7 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा गया था.

ये सभी बढ़ोतरी 1 अक्टूबर, 2022 से लागू हुईं और 31 दिसंबर, 2022 तक वैध हैं. विशेषज्ञ बताते हैं कि जब तक सावधि जमा दरों और छोटी बचत योजनाओं की दरों में बढ़ोतरी नहीं की जाती है, तब तक मुद्रास्फीति को नियंत्रित नहीं किया जा सकता. विशेषज्ञ कहते हैं कि ये छोटे कदम हैं और बढ़ती महंगाई पर काबू पाने के लिए इन दरों को नियमित आधार पर बढ़ाने की जरूरत है.

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

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