logo-image

पहली अगस्त को मिली ये खुशखबरी, पटरी पर आयी देश की इकोनॉमी

जुलाई में जीएसटी कलेक्शन 33 फीसदी बढ़कर 1.16 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है.

Updated on: 02 Aug 2021, 06:53 AM

highlights

  • इकोनॉमी में तेज रिकवरी के संकेत मिल रहे हैं
  • जुलाई में एक बार फिर जीसीटी में शानदार कलेक्शन का आंकड़ा सामने आया है
  • जुलाई-2020 में जीएसटी कलेक्शन 87,422 करोड़ रुपये रहा था

नई दिल्ली:

कोरोना की दूसरी लहर ने इकोनॉमी पर गंभीर चोट पहुंचाई. अगर मई और जून की बात करें तो इन महीनों में अर्थव्यवस्था के हर मोर्चे पर कोरोना संकट का तगड़ा असर देखने को मिला. लेकिन जुलाई महीने के जिस तरह आंकड़े सामने आ रहे हैं, उसमें इकोनॉमी में तेज रिकवरी के संकेत मिल रहे हैं. अगस्त महीने के पहले दिन ही कई आंकड़े सामने आए हैं, जो कि मोदी सरकार के लिए बेहद अच्छी खबर है. दूसरी लहर के बाद पाबंदियों में छूट से देश की बिजली की खपत जुलाई में करीब 12 फीसदी बढ़कर 125.51 अरब यूनिट (बीयू) पर पहुंच गई. यह महामारी पूर्व के स्तर के लगभग बराबर है. बिजली मंत्रालय के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है. इस साल अप्रैल से बिजली की व्यावसायिक और औद्योगिक मांग राज्यों द्वारा लगाए गए अंकुशों से प्रभावित हुई थी.

यह भी पढ़ेः ATM कार्ड होल्डर को बड़ा झटका, महंगा हो जाएगा इसका इस्तेमाल, RBI ने बदले नियम

लगातार 8 महीने यानी मई तक GST कलेक्शन 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहने के बाद जून में कोरोना संकट की वजह से लुढ़क गया था. लेकिन जुलाई में एक बार फिर जीसीटी में शानदार कलेक्शन का आंकड़ा सामने आया है. जुलाई में जीएसटी कलेक्शन 33 फीसदी बढ़कर 1.16 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. जुलाई के जीएसटी राजस्व के आंकड़ों से अर्थव्यवस्था में तेज रिकवरी के संकेत मिल रहे हैं. इससे पहले जून-2021 में जीएसटी कलेक्शन एक लाख करोड़ रुपये से कम यानी 92,849 करोड़ रुपये रहा था. जबकि जुलाई-2020 में जीएसटी कलेक्शन 87,422 करोड़ रुपये रहा था.

यह भी पढ़ेः आज से बदल रहे बैंकिंग सम्बंधी ये जरूरी नियम, जानें क्या-क्या बदलेगा

जुलाई- 2020 में बिजली की खपत 112.14 अरब यूनिट रही थी. यह महामारी से पहले यानी जुलाई- 2019 के 116.48 अरब यूनिट के आंकड़े से थोड़ा ही कम है. विशेषज्ञों का कहना है कि जुलाई में बिजली की मांग में सुधार की प्रमुख वजह मॉनसून में देरी और राज्यों द्वारा अंकुशों में ढील के बाद आर्थिक गतिविधियों में तेजी आना है. आगामी महीनों में इसमें और सुधार की उम्मीद है. भारत का कच्चे इस्पात का उत्पादन जून में सालाना आधार पर 21.4 प्रतिशत बढ़कर 94 लाख टन हो गया. वर्ल्ड स्टील एसोसिएशन के मुताबिक पिछले साल जून कच्चे इस्पात का उत्पादन 69 लाख टन था. वर्ल्ड स्टील एसोसिएशन को रिपोर्ट करने वाले 64 देशों का उत्पादन जून 2021 में 16.79 करोड़ टन था, जो जून 2020 की तुलना में 11.6 प्रतिशत अधिक है.