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भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर अच्छी खबर, केयर रेटिंग्स ने जारी किया ये अनुमान

सरकार इस महीने सितंबर तिमाही के जीडीपी आंकड़े जारी करने वाली है. कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिये मार्च के अंत में देश भर में लॉकडाउन लगाया गया था. इसके कारण जून तिमाही में 1980 के बाद पहली बार जीडीपी में 23.9 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी थी.

Updated on: 24 Nov 2020, 11:57 AM

मुंबई :

भारत की अर्थव्यवस्था इस सितंबर तिमाही में पहले के अनुमानों से बेहतर प्रदर्शन कर सकती है. देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में पहली तिमाही में जहां 24 प्रतिशत की गिरावट आयी थी, यह गिरावट सितंबर तिमाही में सीमित होकर 9.9 प्रतिशत रह सकती है. एक रिपोर्ट में यह अनुमान व्यक्त किया गया है. सरकार इस महीने सितंबर तिमाही के जीडीपी आंकड़े जारी करने वाली है. कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिये मार्च के अंत में देश भर में लॉकडाउन लगाया गया था. इसके कारण जून तिमाही में 1980 के बाद पहली बार जीडीपी में 23.9 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी थी. इस बीच भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 91 लाख को पार कर गयी है तथा इस महामारी के कारण अभी तक देश में करीब 1.34 लाख लोग जान गंवा चुके हैं.

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इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी में 9.9 फीसदी गिरावट का अनुमान
क्रेडिट रेटिंग एजेंसी केयर रेटिंग्स (CARE Ratings) की एक रिपोर्ट में कहा गया कि हमारा अनुमान है कि इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी में 9.9 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है. यह गिरावट पूरे वित्त वर्ष में 8.2 प्रतिशत रह सकती है. एजेंसी ने कहा कि समग्र मूल्य के आधार पर देखें तो सितंबर तिमाही में गिरावट 9.4 प्रतिशत रह सकती है. एजेंसी का यह अनुमान कृषि, वानिकी, वित्तीय सेवाओं, रियल एस्टेट और पेशेवर सेवाओं में वृद्धि से उत्पन्न आशा पर आधारित है. रिपोर्ट में कहा गया कि कृषि के मामले में मुख्य खरीफ फसलों की कटाई सितंबर में शुरू हुई, जो दिसंबर तक जारी रहेगी. अत: खरीफ फसल के अच्छे होने की उम्मीद का परिणाम हमें तीसरी तिमाही में ही मिल सकेगा. दूसरी तिमाही का संभावित सकारात्मक प्रदर्शन दो कारकों पर आधारित है.

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पहली तिमाही की 39.3 प्रतिशत की गिरावट से सुधरकर दूसरी तिमाही में 10 प्रतिशत की गिरावट रहेगा
पहला कारक त्योहारों के दौरान मांग में तेजी का अनुमान है और दूसरा कारक कंपनियों के लाभ में वृद्धि है. हालांकि कंपनियों के लाभ बढ़ने का कारण मुख्यत: लागत में कटौती है. रिपोर्ट में कहा गया कि दूसरी तिमाही में कंपनियों की बिक्री में वृद्धि नकारात्मक ही रही है. वेतन में कटौती, बिजली व ईंधन आदि के खर्च में कमी जैसे उपायों से तथा इसके साथ-साथ बिक्री में गिरावट आने से कच्ची सामग्रियों की लागत कम होने से कंपनियों को अच्छा लाभ हुआ है. एजेंसी का अनुमान है कि विनिर्माण क्षेत्र का प्रदर्शन पहली तिमाही की 39.3 प्रतिशत की गिरावट से सुधरकर दूसरी तिमाही में 10 प्रतिशत की गिरावट पर आ जायेगा. 

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इसी तरह खनन एवं निर्माण क्षेत्र 30 प्रतिशत की गिरावट से उबरकर 12 प्रतिशत की और बिजली, गैस व पानी सात प्रतिशत की गिरावट से उबरकर 1.5 प्रतिशत की गिरावट पर आ जायेगा. इसी तरह व्यापार व अन्य सेवाओं का प्रदर्शन पहली तिमाही की 47 प्रतिशत से गिरावट से कुछ सुधरकर दूसरी तिमाही में 27 प्रतिशत की गिरावट पर रह सकता है. इस बीच जापान की नोमुरा ने कहा कि गुजरात, दिल्ली, मध्ध्य प्रदेश, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में नये सिरे से लगाये गये स्थानीय लॉकडाउन आर्थिक पुनरुद्धार की गति को धीमा कर सकते हैं.