राजनीति में आने वाली संभावनाओं को नकारते हुए पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने साफ किया है कि वो अपने प्रोफेसर की जॉब से खुश है और वो यह उनकी पसंदीदा नौकरी है।
आम आदमी पार्टी से उन्हें राज्यसभा सांसद बनाने के बारे में किए गए सवाल पर उन्होंने कहा, 'मैं इस बारे में बयान नहीं देना चाहता कि मुझे प्रस्ताव दिया गया था या नहीं। जब मैं रिज़र्व बैंक में था तो लोग मुझे आईएमएफ भेजने के लिए उत्साहित थे। अब जब मैं वापस प्रोफेसर के तौर पर कार्यरत हूं तो लोग मुझे फिर कहीं और भेजने के लिए उत्साहित हैं। मैं प्रोफेसर के तौर पर बेहद खुश हूं। मेरा दिमाग दिन में कई घंटे काम करता है। यह वो नौकरी है जिसे मैं करना चाहता हूं।'
राजनीति में आने की संभावनाओं पर उन्होंने कहा, 'इसका जवाब न है... राजनीति के मुद्दे पर मेरी पत्नी ने साफ मना किया है।' आम आदमी पार्टी ने पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन को दिल्ली से राज्यसभा के लिए प्रस्ताव भेजा था जिससे लगातार राजन इनकार कर रहे है।
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टाइम्स लिट फेस्ट में हुए इंटरव्यू के दौरान राजन ने यह बात कही। यहां उन्होंने यह भी बताया कि वो अपनी दूसरी किताब पर काम कर रहे हैं। इससे पहले उनकी किताब 'आई डू वॉट आई डू' सितंबर में जारी हुई थी जिसमें अर्थव्यवस्था के कई क्षेत्रों के बारे में लिखा गया।
जीएसटी के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि कुछ समस्याओं के बावजूद यह लंबे समय के लिए अच्छा है। उन्होंने कहा, 'इसमें ख़ामियों को दूर करने की ज़रुरत है।'
आरबीआई और सरकार के बीच संबंधों के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि यह समय के साथ बेहतर हुआ है और दोनों के बीच आपसी सम्मान पर निर्भर करता है। उन्होंने कहा, 'हां दोनों के बीच कुछ मतभेद होते हैं जोकि किसी भी रिश्ते में होते है।'
जब उनसे पूछा गया कि आरबीआई संस्था की स्वायतता खतरे में है, उन्होंने कहा उन्हें इसका डर नहीं है। उन्होंने कहा कि रिज़र्व बैंक सरकार के अंदर काम करती है और संपूर्ण स्वायतता मुमकिन नहीं है।
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Source : News Nation Bureau