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केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली (फाइल फोटो)
देश में बढ़ती एनपीए की समस्या को लेकर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने प्राइवेट सेक्टर को कड़ी चेतावनी है। वित्त मंत्री ने कहा, 'प्राइवेट सेक्टर को कर्ज का भुगतान करना ही होगा, वरना कोई और उन्हें टेकओवर करेगा।'
उन्होंने कहा कि एनपीए की समस्या को खत्म करने में समय लगेगा। इसे रातों रात एक झटके में खत्म नहीं किया जा सकता।
देश के बैंकों का कुल 8 लाख करोड़ रुपये एनपीए के रूप में फंसा हुआ है। इसमें से 6 लाख करोड़ रुपये देश के सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का है।
एनपीए की वसूली के लिए बैंकिंग नियमन (संशोधन) अध्यादेश ने आरबीआई को डूब चुके कर्जों को वसूलने की शक्ति दे दी है। इसके बाद ही आरबीआई ने उन 12 खातों की पहचान की थी, जिनमें 5,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज था और यह देश के कुल एनपीए का 25 फीसदी यानी 2 लाख करोड़ रुपये था।
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नोटबंदी पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) का आंकड़ा आने के बाद उठ रहे सवालों पर सरकार का बचाव करते हुए उन्होंने कहा, 'भले ही दो से तीन तिमाही तक जीडीपी को नुकसान हो लेकिन मीडियम और लॉन्ग टर्म में इस फैसले से देश को फायदा ही होगा।'
गौरतलब है कि आरबीआई की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक 15.44 लाख करोड़ रुपये के प्रतिबंधित नोट में से 15.28 लाख करोड़ रुपये नोटबंदी के बाद बैंकों में वापस आ चुके हैं। इसे लेकर नोटबंदी के फैसले पर सवाल उठ रहे हैं।
जेटली ने कहा कि बैंक में जमा रकम का यह मतलब नहीं है कि वह जायज रकम हो चुकी है।
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HIGHLIGHTS
- देश में बढ़ती एनपीए की समस्या को लेकर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने प्राइवेट सेक्टर को कड़ी चेतावनी है
- वित्त मंत्री ने कहा कि प्राइवेट सेक्टर को कर्ज का भुगतान करना ही होगा, वरना कोई और उन्हें टेकओवर करेगा
Source : News Nation Bureau