logo-image

टूटती अर्थव्यवस्था पर जेटली का आश्वासन, खर्च बढ़ाने में जोखिम लेकिन बीच का रास्ता निकालेगी सरकार

सुस्त आर्थिक रफ्तार को पटरी पर लाने की कोशिशों के बीच वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मोर्चा संभालते हुए कहा है कि सरकार बीच का रास्ता निकाल लेगी।

Updated on: 22 Sep 2017, 09:37 PM

highlights

  • सरकारी खर्च को लेकर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दिया आश्वासन
  • जेटली ने कहा सरकारी खर्च बढ़ाना जोखिम भरा फैसला लेकिन बीच का रास्ता निकालेगी सरकार

नई दिल्ली:

सुस्त आर्थिक रफ्तार को पटरी पर लाने की कोशिशों के बीच वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मोर्चा संभालते हुए कहा है कि सरकार बीच का रास्ता निकाल लेगी। उन्होंने कहा कि सरकार के सामने राजकोषीय घाटे को काबू में रखना 'चुनौती' है लेकिन किसी को भी 'घबराने' की जरूरत नहीं है।

जेटली ने कहा, 'अर्थव्यवस्था में खर्च करते हुए और बैंकों को सहारा देने के साथ ही राजकोषीय घाटे को काबू में रखने का काम एक साथ कैसे किया जा सकता है? मेरा मानना है दूसरा काम हमारे सामने बड़ी चुनौती है, जिसका हम सामना कर रहे हैं।'

ब्लूमबर्ग इंडिया इकनॉमिक फोरम में जेटली ने कहा कि सरकार अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए उपायों पर विचार कर रही है लेकिन उन्होंने यह बताने से इनकार कर दिया कि क्या यह 'प्रोत्साहन पैकेज' के रूप में होगा या कुछ और।

मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ के 5.7 फीसदी होने के बाद सरकार की तरफ से करीब 40,000 करोड़ रुपये के प्रोत्साहन पैकेज दिए जाने की संभावना जताई जा रही है। 

अप्रैल-जून तिमाही में देश की जीडीपी कम होकर 5.7 फीसदी हो गई थी, जो पिछले तीन सालों का निचला स्तर है।

भारत की अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए निजी निवेश के बढ़ावे पर ध्यान दे सरकार: सी रंगराजन

हालांकि सरकार की तरफ से खर्च बढ़ाए जाने से महंगाई का खतरा और राजकोषीय घाटे की चुनौती सामने आ सकती है, जिसे लेकर रेटिंग एजेंसियां सहज नहीं होंगी।

जेटली ने दुनिया को भरोसा देते हुए कहा कि हमारे सामने बड़ी चुनौती दो स्थितियों के बीच संतुलन साधने की है। उन्होंने कहा, 'हम एक जवाबदेही वाली अर्थव्यवस्था है। हम खर्च बढ़ाने के बारे में सचेत हैं और हमारी स्थिति संतुलन बनाने की है।'

मौजूदा फाइनैंशियल ईयर में प्रोत्साहन पैकेज के तहत 500 अरब रुपये (7.7 अरब डॉलर) खर्च करने की है और इसके लिए राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को बढ़ाने की तैयारी पूरी कर ली गई है।

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने सरकार के दो सूत्रों के हवाले से बताया था कि सरकार की योजना तेजी से रफ्तार खोती अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की है ताकि आर्थिक वृद्धि की रफ्तार को तेज किया जा सके।

गौरतलब है कि बुधवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आर्थिक वृद्धि को तेज गति देने के लिए राहत पैकेज दिए जाने के संकेत दिए थे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मशविरे के बाद जेटली ने कहा था कि आर्थिक विकास तेज करने के लिए कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा, 'जो भी आर्थिक आंकड़े हैं, हमने उनकी समीक्षा की है। सरकार जरूरत पड़ने पर नए फैसले लेगी।'

कमजोर अर्थव्यवस्था से घबराई मोदी सरकार, इकॉनमी में 500 अरब रुपये झोंकने की तैयारी