/newsnation/media/post_attachments/images/2017/05/09/65-Arun-Jaitley.jpg)
अरुण जेटली, वित्त मंत्री (फाइल फोटो)
जीएसटी पर स्थिति साफ करते हुए, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को बताया कि प्रस्तावित वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत 50 लाख रुपये से अधिक का कारोबार करने वाले व्यक्ति के लिए हर तिमाही पर टैक्स रिटर्न दाखिल करना व्यावहारिक नहीं होगा।
ऑल इंडिया कांग्रेस कमिटी के महासचिव दिग्विजय सिंह को भेजे पत्र में जेटली ने कहा, 'सभी करदाताओं के लिए हर तिमाही पर टैक्स रिटर्न दाखिल करना व्यावहारिक नहीं होगा, क्योंकि इसके लिए हर महीने इनपुट टैक्स क्रेडिट देना होगा।'
जेटली ने अपने पत्र में कहा है कि 50 लाख रुपये प्रति वर्ष से कम का कारोबार करने वाले व्यक्ति ही हर तिमाही पर टैक्स रिटर्न दाखिल कर सकेगा। लेकिन ऐसे करदाताओं को इनपुट टैक्स क्रेडिट की सुविधा नहीं मिलेगी।
NPA से निपटना जरूरी, RBI को बैंकिंग कानून में बदलाव से मिलेंगे और अधिकार: अरुण जेटली
इससे पहले दिग्विजय सिंह ने चिट्ठी लिखकर वित्त मंत्री से जीएसटी के तहत साल भर में किसी करदाता द्वारा 37 फॉर्म भरने की जरूरत पर सवाल पूछा था और उनका कहना था कि इससे कारोबार करने में सहूलियत प्रभावित होगी।
मौजूदा कर प्रणाली में किसी करदाता को एक साल में सिर्फ चार फॉर्म भरने होते हैं। जेटली ने जवाब में भेजे अपने पत्र में कहा है, 'करदाता को हर महीने की 10 तारीख को सिर्फ प्राथमिक रिटर्न भरना होगा, जबकि बिलों के मिलान करने और इनपुट टैक्स क्रेडिट की गणना करने के बाद अन्य रिटर्न खुद प्राप्त किए जा सकेंगे।'
यह भी पढ़ें:जस्टिन बीबर इंडिया: पॉप सिंगर की डिमांड पर अमूल ने कार्टून जारी कर ली चुटकी..
IPL से जुड़ी ख़बरों को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
Source : IANS