Advertisment

अप्रैल-मई के दौरान राजकोषीय घाटा बजट अनुमान का 52 फीसदी तक पहुंचा

महालेखा नियंत्रक (सीजीए) की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार अप्रैल और मई के दौरान राजकोषीय घाटा 3,66,157 करोड़ रुपये दर्ज किया गया है.

author-image
Dhirendra Kumar
एडिट
New Update
अप्रैल-मई के दौरान राजकोषीय घाटा बजट अनुमान का 52 फीसदी तक पहुंचा

राजकोषीय घाटा GDP का 3.4 फीसदी करने का लक्ष्य

Advertisment

सरकार का राजकोषीय घाटा चालू वित्तवर्ष 2019-20 के शुरुआती दो महीनों (अप्रैल-मई) में पूरे साल के बजटीय अनुमान का 52 फीसदी तक पहुंच गया. महालेखा नियंत्रक (सीजीए) की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, राजकोषीय घाटा 3,66,157 करोड़ रुपये दर्ज किया गया है.

यह भी पढ़ें: Aadhaar Online Contest: आधार के जरिए 30 हजार रुपये जीतने का सुनहरा मौका, जानें प्रक्रिया

राजकोषीय घाटा GDP (सकल घरेलू उत्पाद) का 3.4 फीसदी करने का लक्ष्य
वित्तवर्ष 2018-19 में समान अवधि के दौरान राजकोषीय घाटा बजट अनुमान का 55.3 फीसदी था. इस साल फरवरी में पारित अंतरिम बजट में सरकार ने वित्तवर्ष 2019-20 में राजकोषीय घाटा 7.03 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया था. सरकार ने राजकोषीय घाटा चालू वित्तवर्ष में GDP (सकल घरेलू उत्पाद) का 3.4 फीसदी करने का लक्ष्य रखा है. पिछले वित्तवर्ष में भी राजकोषीय घाटे का लक्ष्य रही था.

यह भी पढ़ें: ITR फाइल करने वालों को आयकर विभाग (Income Tax Department) की ओर से बड़ा तोहफा

चालू वित्तवर्ष के आरंभिक दो महीने, अप्रैल और मई के दौरान राजस्व प्राप्तियां बजट अनुमान का 7.3 फीसदी रहीं. बीते वित्तवर्ष की समान अवधि के दौरान भी राजस्व प्राप्तियां इसी स्तर पर थीं. पूंजीगत व्यय इन दो महीने के दौरान बजट अनुमान को 14.2 फीसदी रहा, जबकि बीते वित्तवर्ष की समान अवधि के दौरान पूंजीगत व्यय बजट अनुमान का 21.3 फीसदी था.

अप्रैल-मई के दौरान कुल व्यय 5.12 लाख करोड़ रुपये रहा जोकि बजट अनुमान का 18.4 फीसदी है. पिछले साल की समान अवधि के दौरान यह बजट अनुमान का 19.4 फीसदी था. चालू वित्तवर्ष के शुरुआती दो महीनों में पूंजीगत व्यय 3,35,809 करोड़ रुपये रहा, जबकि पिछले साल इस अवधि में पूंजीगत व्यय 47,703 करोड़ रुपये था. कुल व्यय 27,84,200 करोड़ रुपये था.

यह भी पढ़ें: Petrol Diesel Price 29 June: पेट्रोल-डीजल के रेट लगातार तीसरे दिन बढ़े, दिल्ली में पेट्रोल 70 रुपये के पार

क्या होता है राजकोषीय घाटा, राजस्व घाटा
सरकार की कुल कमाई और खर्च के अंतर को राजकोषीय घाटा कहा जाता है और कुल कमाई से अधिक खर्च होने पर वह बाज़ार से कर्ज़ लेती है. वहीं, सरकार की राजस्व प्राप्ति और राजस्व व्यय के बीच के अंतर को राजस्व घाटा कहते हैं. गौरतलब है कि इससे सरकार के मौजूदा खर्च और आमदनी का पता चलता है.

HIGHLIGHTS

  • राजकोषीय घाटा अप्रैल-मई में बजट अनुमान का 52 फीसदी तक पहुंच गया
  • सीजीए के आंकड़ों के अनुसार राजकोषीय घाटा 3,66,157 करोड़ रुपये दर्ज किया गया 
  • सरकार ने राजकोषीय घाटा चालू वित्तवर्ष में GDP का 3.4 फीसदी करने का लक्ष्य रखा है
GDP business news in hindi Indian economy latest-news Fiscal Deficit
Advertisment
Advertisment
Advertisment