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वित्त मंत्री अरुण जेटली (फाइल फोटो)
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देश का सबसे बड़ा टैक्स रिफॉर्म जीएसटी (गु़ड्स एंड सर्विस टैक्स) लागू करने के बाद मोदी सरकार ने अपने आखिरी बजट की तैयारियां शुरू कर दी है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली (फाइल फोटो)
देश का सबसे बड़ा टैक्स रिफॉर्म जीएसटी (गु़ड्स एंड सर्विस टैक्स) लागू करने के बाद मोदी सरकार ने अपने आखिरी बजट की तैयारियां शुरू कर दी है।
2018-19 के बजट के लिए वित्त मंत्रालय में अगले हफ्ते से बैठकों का दौर शुरू हो रहा है। 2019 के आम चुनाव को देखते हुए 2018 का बजट मोदी सरकार का आखिरी पूर्ण बजट होगा।
अधिकारी ने बताया कि वित्त मंत्रालय अगले हफ्ते बजट सर्कुलर जारी करेगा और मौजूदा वित्त वर्ष के खर्च के लिए संशोधित अनुमान (आरई) को लेकर अन्य मंत्रालयों के साथ विचार-विमर्श करना शुरू कर देगा।
पिछले बजट के मुकाबले 2018-19 का बजट इस लिहाज से अलग होगा कि इसमें टैक्स की श्रेणियां बदल जाएंगी। पहले बजट में कई सारे अप्रत्यक्ष करों से होने वाली आमदनी का जिक्र किया जाता था लेकिन अब उसकी जगह केवल एक कर जीएसटी का जिक्र होगा। इस कारण अगले बजट में कई बदलाव किए जाएंगे।
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वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि एक्साइज ड्यूटी और सर्विस टैक्स की जगह अब केवल जीसटी का जिक्र होगा। वहीं 2018-19 के बजट में जीएसटी से संबंधित किसी टैक्स को लेकर भी कोई प्रस्ताव नहीं होगा।
बतौर वित्त मंत्री अरुण जेटली का यह पांचवां आर्थिक बजट होगा। वहीं बीजेप की अगुवाई वाली एनडीए सरकार के लिए यह आखिरी पूर्ण बजट होगा। 2019 में होने वाले आम चुनाव की वजह से मोदी सरकार उस साल अंतरिम बजट ही पेश कर पाएगी।
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Source : News Nation Bureau