गरीबों के लिए 1 लाख 70 हजार करोड़ रुपये का राहत पैकेज, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने किया ऐलान
वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने इस राहत पैकेज की घोषणा की है. वित्त मंत्री ने कहा कि लॉकडाउन से प्रभावित गरीबों की मदद की जाएगी.
नई दिल्ली:
केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार ने गरीबों के लिए 1 लाख 70 हजार करोड़ रुपये के राहत पैकेज का ऐलान किया है. वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत इस राहत पैकेज की घोषणा की है. वित्त मंत्री ने कहा कि लॉकडाउन से प्रभावित गरीबों की मदद की जाएगी. उन्होंने कहा कि गरीबों के लिए कैश ट्रांसफर भी किए जाएंगे. इसके अलावा कोरोना वारियर्स के लिए मेडिकल इंश्योरेंस उपलब्ध कराया जाएगा. मेडिकल इंश्योरेंस के तहत 50 लाख रुपये का इंश्योरेंस कवर दिए जाने का निर्णय लिया गया है. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण स्कीम के जरिए गरीबों को अन्न और धन दोनों की मदद दी जाएगी.
गरीबों को 3 महीने तक अतिरिक्त अनाज दिया जाएगा
वित्त मंत्री ने कहा कि 3 महीने के लिए गरीबों को 5 किलो अतिरिक्त अनाज दिया जाएगा. इसके साथ ही अतिरिक्त अनाज के लिए कोई रकम नहीं ली जाएगी. मतलब यह हुआ कि 3 महीने के लिए गरीबों को मुफ्त में गेहूं और चावल दिया जाएगा. 3 महीने के लिए 1 किलोग्राम प्रति माह अतिरिक्त दाल दिया जाएगा. सरकार के इस फैसले से 80 करोड़ लोगों को सस्ते दर पर अनाज मिलेगा. किसान सम्मान निधि की किस्त को तुरंत किसानों के खाते में ट्रांसफर कर दिया जाएगा. अप्रैल में किसानों के खाते में 2,000 रुपये की किस्त ट्रांसफर कर दी जाएगी.
मनरेगा की मजदूरी बढ़ाकर 202 रुपये करने का फैसला
मनरेगा की मजदूरी को 182 रुपये से बढ़ाकर 202 रुपये करने का फैसला लिया गया है. मनरेगा की किस्त से 5 करोड़ परिवालों को फायदा मिलेगा. DBT से दिव्यांगो और बुजुर्गों की मदद की जाएगी. गरीब बुजुर्गों को 1 हजार रुपये की मदद दी जाएगी. PM गरीब कल्याण योजना के तहत रजिस्टर्ड सेल्फ हेल्प ग्रुप को कोलैटरल फ्री लोन की सीमा 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये करने का निर्णय लिया गया है.
उज्जवला स्कीम में 3 महीने तक सिलेंडर फ्री
वित्त मंत्री ने कहा कि उज्जवला स्कीम में 3 महीने तक सिलेंडर फ्री दिया जाने का निर्णय लिया गया है. 3 महीने तक महिला जनधन अकाउंट में 500 रुपये प्रति माह दिए जाएंगे.
अगले 3 महीने तक सरकार PF जमा कराएगी
संगठित क्षेत्र में काम करने वाले 15,000 रुपये से कम वेतन पाने वाले कर्मचारियों के लिए सरकार मदद करने के लिए आगे आई है. 100 कर्मचारियों वाले कंपनी को फायदा देने के लिए सरकार ने कदम उठाया है. छोटे कारोबार के कर्मचारियों का प्रॉविडेंड फंड सरकार जमा कराएगी. केंद्र सरकार अगले 3 महीने तक PF जमा कराएगी. ईपीएफ (EPF) में 12 फीसदी (कंपनी) + 12 फीसदी (कर्मचारी) रकम सरकार जमा करेगी.
मोदी सरकार ने पिछले 48 घंटे में किए महत्वपूर्ण घोषणाएं
बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में आम लोगों को राहत देने के लिए कई अहम फैसले लिए गए हैं. मोदी सरकार ने 80 करोड़ लोगों को बेहद कम कीमत पर अनाज देने का निर्णय लिया है. केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को कैबिनेट की बैठक के बाद हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी कि मोदी सरकार ने 80 करोड़ लोगों को 27 रुपये किलोग्राम वाले गेहूं को सिर्फ 2 रुपये और 37 रुपये किलो वाले चावल को महज 3 रुपये में देने का निर्णय लिया गया है.
आयकर रिटर्न, जीएसटी रिटर्न फाइल करने की समयसीमा बढ़ी
मंगलवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आयकर रिटर्न दाखिल करने और जीएसटी रिटर्न भरने की समय सीमा 30 जून तक बढ़ा दी है. इसी प्रकार कंपनियों को ऋण शोधन कार्यवाही से बचाने के लिये आईबीसी नियमों में भी कुछ राहत दी है. एटीएम से नकद निकासी की सुविधा देने के लिये दूसरे बैंकों के एटीएम से नकद निकासी पर लगने वाले शुल्क को 30 जून तक के लिये समाप्त कर दिया गया है, यानी अब कोई भी डेबिट कार्ड धारक किसी भी बैंक के एटीएम से कितनी भी बार नकदी की निकासी बिना शुल्क दिये कर सकता है. यह सुविधा भी 30 जून तक दी गई है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को इन राहतों की घोषणा करते हुये कहा कि वित्त वर्ष 2018- 19 की आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि तीन माह बढ़ाकर 30 जून 2020 कर दी गई है. इसके साथ ही स्थानीय खाता संख्या (पैन) को बायोमेट्रिक पहचान संख्या ‘आधार’ के साथ जोड़ने की अंतिम तिथि को भी 30 जून तक बढ़ा दिया गया है. पिछले वित्त वर्ष के लिये माल एवं सेवाकर (जीएसटी) की वार्षिक रिटर्न भरने की अंतिम तिथि को भी 31 मार्च से आगे बढ़ाकर जून 2020 के अंतिम सप्ताह तक कर दिया गया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कंपनियों द्वारा कर्ज की किस्त नहीं लौटाये जाने और उसे चूककर्ता घोषित किये जाने की सीमा को मौजूदा एक लाख रुपये से बढ़ाकर एक करोड़ रुपये कर दिया गया है. पहले जहां एक लाख रुपये से अधिक के कर्ज डिफाल्ट पर कंपनी के खिलाफ दिवालिया कार्रवाई शुरू हो सकती थी अब एक करोड़ रुपये तक के कर्ज लौटाने में चूक के बाद ही यह कार्रवाई शुरू हो सकेगी. (इनपुट भाषा)
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