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पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से मिलीं वित्‍त मंत्री (Nirmala Sitharaman), 8 से 9 लाख करोड़ का हो सकता है दूसरा राहत पैकेज

कोरोना वायरस संकट (Coronavirus Crisis) से निपटने के लिए मोदी सरकार Lockdown Part 2 के दौरान राहत पैकेज का दूसरा डोज देने की तैयारी में है.

Updated on: 16 Apr 2020, 04:01 PM

नई दिल्‍ली:

कोरोना वायरस संकट (Coronavirus Crisis) से निपटने के लिए मोदी सरकार (Modi Sarkar) Lockdown Part 2 के दौरान राहत पैकेज का दूसरा डोज देने की तैयारी में है. वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister NIrmala Sitharaman) इसी सिलसिले में आज गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से मिलीं. यह भी कहा जा रहा है कि यह राहत पैकेज 8 से 9 लाख करोड़ का हो सकता है. सूत्रों का कहना है कि सरकार जल्द ही राहत पैकेज की घोषणा कर सकती है. सूत्रों का यह भी कहना है कि इस बार राहत पैकेज में किसी बड़ी पॉलिसी की घोषणा नहीं होगी, बल्‍कि कई चरणों में इसका ऐलान होने की संभावना है.

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सरकार के सामने इस समय Covid Bond, राजकोषीय घाटा बढ़ाने, डेफिसिट को मोनेटाइज करने जैसे विकल्प हैं. हालांकि कोई अंतिम निर्णय अभी नहीं हुआ है. Covid-19 के लगातार बढ़ते संक्रमण के कारण लॉकडाउन जारी है और अर्थव्यवस्था की हालत खस्ता है. ऐसे में इंडस्ट्रीज की ओर से दूसरे राहत पैकेज की मांग की जा रही है. पहले राहत पैकेज में सरकार ने गरीबों पर फोकस किया था.

मोदी सरकार आज की बैठक के बाद दूसरे राहत पैकेज का ऐलान कर सकती है. बताया जा रहा है कि अगले एक-दो दिनों में यह जारी भी हो सकता है. उद्योग जगत ने सरकार से 8 से 9 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज की मांग की है, जिसमें गरीबों और समाज के निचले तबके के अलावा सूक्ष्म एवं लघु उद्योग (MSMEs) और उन सेक्टर्स पर होगा जिन पर लॉकडाउन की सर्वाधिक मार पड़ी है.

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फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (Ficci) के अनुसार, लॉकडाउन से रोजाना 40 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है. इस हिसाब से 21 दिन में 7-8 लाख करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान है. एक अनुमान के मुताबिक इस साल अप्रैल से सितंबर के बीच 4 करोड़ लोगों की नौकरियां खतरे में हैं. इसलिए सरकार से तात्‍कालिक राहत पैकेज की मांग की जा रही है.

Lockdown Part 1 में मोदी सरकार की ओर से वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1.7 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज का ऐलान किया था. इसमें गरीबों को अनाज और डायरेक्ट कैश ट्रांसफर के जरिए मदद पहुंचाई गई थी. साथ ही एंप्लॉयमेंट गारंटी प्रोग्राम के जरिए मजदूरी भी बढ़ाने का भी ऐलान किया गया था. इस बार सरकार ने जो तैयारी की है , उसके मुताबिक, MSMEs को छूट देने की तैयारी है और उन्हें आसान कर्ज मुहैया कराने का भी विकल्‍प दिया जा सकता है. साथ ही इस बार भी गरीबों को नकदी और अनाज देने का ऐलान किया जा सकता है. सरकार MGNREGA के तहत मजदूरों की मजदूरी भी बढ़ाने का फैसला कर सकती है.