वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा अपनी आगामी मौद्रिक नीति समीक्षा में ब्याज दरों में कटौती की सिफारिश की है। उन्होंने कहा कि ब्याज़ दरों में कटौती करने के लिए यह बिल्कुल सही समय है, क्योंकि मुद्रास्फीति भी नियंत्रण में है और अच्छे मॉनसून की भी उम्मीद है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा अपनी आगामी मौद्रिक नीति समीक्षा में ब्याज दरों में कटौती की सिफारिश करते हुए। जेटली ने एक चैनल से बातचीत में कहा, 'लंबे समय से मुद्रास्फीति नियंत्रण में है। मॉनसून अच्छा होने की संभावना है। पेट्रोल और शेल गैस के बीच संतुलन को दर्शाता है कि तेल की कीमतें अधिक नहीं बढ़ेंगी। विकास और निवेश में बढ़ोतरी की जरूरत है। इन परिस्थितियों में कोई भी वित्त मंत्री चाहेगा कि दरों में कटौती हो।'
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रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल की अध्यक्षता वाली छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) प्रमुख ब्याज दरों पर निर्णय लेने के लिए 6-7 जून को बैठक करेगी।
उन्होंने कहा, 'लेकिन, हमें एमपीसी के निर्णय का इंतजार करना चाहिए। एमपीसी प्रयोग का यह पहला साल है।'
जेटली ने कहा कि सरकार का जोर निजी निवेश और बैंकिंग क्षेत्र के पुनरुत्थान पर है। तीन-चार साल की मंदी के बाद दुनिया में अर्थव्यवस्था के विकास का सकारात्मक संदेश मिल रहा है।
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उन्होंने कहा कि बैंकों द्वारा अतीत में अंधाधुंध उधार दिए जाने से फंसे हुए कर्ज की समस्या बढ़ी है।
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Source : IANS