तस्करी और नकली सामानों के खिलाफ गठित फिक्की की समिति कैसकेड 11 फरवरी को तस्करी रोधी दिवस के रूप में मनायेगी।
फिक्की कैसकेड के अध्यक्ष अनिल राजपूत ने बताया कि तस्करी के सामानों का अवैध धंधा एक बहुत बड़ी वैश्विक समस्या है और कई देश इसके कुप्रभाव को झेल रहे हैं। दुर्भाग्य से इस बढ़ते हुए खतरे के प्रति न अधिक जागरुकता है और न ही इसे खत्म करने पर अधिक जोर दिया जा रहा है, जो न सिर्फ हमारी अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा रहा है और रोजगार के अवसरों का नुकसान कर रहा है बल्कि यह देश की सुरक्षा के लिए भी खतरा है। यदि तस्करी को रोका नहीं गया तो आने वाली पीढ़ियों के लिए इसके गंभीर परिणाम होंगे इसीलिए इसे समाप्त करने के लिए पर्याप्त कदम उठाने होंगे।
फिक्की का कहना है कि तस्कर रोधी दिवस से तस्करी के खिलाफ जारी विरोध अभियान को गति मिलेगी और नीति निर्माता, अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, पुलिस, उद्योग जगत , मीडिया और उपभोक्ता एकजुट होंगे और इसके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध होंगे।
विश्व आर्थिक मंच के अनुसार, 2020 में तस्करी के कारण वैश्विक जीडीपी में लगभग तीन प्रतिशत यानी 2.2 ट्रिलियन डॉलर के नुकसान का अनुमान है। दुनियाभर में कई देशों ने तस्करी के खतरों को भांपते हुए इसे रोकने के लिए कई प्रभावी कदम उठाये हैं और भारत में फिक्की की समिति कैसकेड जागरूकता फैलाने का काम कर रही है।
फिक्की कैसकेड की 2019 की रिपोर्ट के मुताबिक पांच मुख्य क्षेत्रों में तस्करी के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था को 1,17,253 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ और 16.36 लाख रोजगार की हानि हुई।
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Source : IANS