खाद क्षेत्र की प्रमुख कंपनी कोरोमंडल इंटरनेशनल लिमिटेड विशाखापत्तनम में सालाना 400 करोड़ रुपये, 1,650 टन सल्फ्यूरिक एसिड का प्लांट लगाएगी।
417 अरब रुपये के मुरुगप्पा समूह का हिस्सा, कोरोमंडल इंटरनेशनल ने एमईसीएस (मोनसेंटो एनविरो-केम सिस्टम्स) और टीकेआईएस (थिसेनक्रुप इंडस्ट्रियल सॉल्यूशंस) के साथ प्रौद्योगिकी साझेदारी समझौतों पर भी हस्ताक्षर किए हैं।
नए प्लांट के साथ, कोरोमंडल इंटरनेशनल अपनी सल्फ्यूरिक एसिड उत्पादन क्षमता को पांच लाख टन प्रति वर्ष से बढ़ाकर 11 लाख टन प्रति वर्ष करेगा।
सल्फ्यूरिक एसिड उत्पादन प्रक्रिया से निकलने वाली भाप का उपयोग कैप्टिव बिजली उत्पादन के लिए भी किया जाएगा।
कोरोमंडल इंटरनेशनल के कार्यकारी उपाध्यक्ष अरुण अलागप्पन ने कहा, भारत सल्फ्यूरिक एसिड का शुद्ध आयातक है और विश्व स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा आयातक है, जो करीब 20 लाख मीट्रिक टन आयात करता है।
उनके अनुसार, कंपनी आयात पर निर्भरता कम करने तथा स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के विजन के अनुरूप एक नया प्लांट लगा रही है।
कोरोमंडल इंटरनेशनल भारत में सबसे बड़ा निजी फॉस्फेटिक खाद निर्माता और विपणक (मार्केटर) है।
नया प्लांट विशाखापत्तनम में कंपनी के मौजूदा प्लांट परिसर के भीतर बनेगा, जिसमें जटिल खाद की 13 लाख टन प्रति वर्ष की उत्पादन क्षमता और प्रति वर्ष लगभग चार लाख टन की कैप्टिव फॉस्फोरिक एसिड उत्पादन क्षमता होगी।
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
Source : IANS