logo-image

उम्‍मीदें 2020: फिर रफ्तार पकड़ेगी भारतीय अर्थव्यवस्था, बढ़ेंगे रोजगार के अवसर

आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था पर गंभीर संकट का समय खत्म हो गया है. सरकार की ओर से लगातार किए जा रहे प्रयासों से अगली दो तिमाहियों में अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट आएगी.

Updated on: 01 Jan 2020, 09:42 AM

highlights

  • 6.6% की दर से भारतीय जीडीपी बढ़ने का अनुमान ओईसीडी ने लगाया
  • 3.4% वैश्विक अर्थव्यवस्था की विकास दर रहने का अनुमान IMF का
  • 15% का उछाल बीएसई सेंसेक्स में फिर 2020 में देखने को मिलेगा
  • 02% की दर से अमेरिकी अर्थव्यवस्था इस दौरान बढ़ेगी

नई दिल्‍ली:

अर्थव्‍यवस्‍था की रफ्तार के लिहाज से 2019 हाल के वर्षों में सबसे निराशाजनक साल कहा जा सकता है. पिछले साल देश की सकल घरेलू उत्पाद दर (जीडीपी) सिंतबर तिमाही में गिरकर छह साल के निचले 4.5 फीसदी पर आ गई. हालांकि जानकार आने वाला साल भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था के लिए सुनहरा और मौकापरक मान रहे हैं. पीएचडी चैबंर्स ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष डीके अग्रवाल के अनुसार, सुस्ती दूर करने के लिए कुछ महीनों में जो कदम उठाए गए हैं उसका असर अगली तिमाहियों में दिखेगा. आयकर छूट सहित अन्य प्रोत्साहन देने वाले उपाय हुए तो उम्मीद से पहले तेजी देखने मिलेगी.

यह भी पढ़ें : CAA : नागरिकता कानून लागू करने में इस तरह राज्‍यों की अनदेखी कर सकती है मोदी सरकार

आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था पर गंभीर संकट का समय खत्म हो गया है. सरकार की ओर से लगातार किए जा रहे प्रयासों से अगली दो तिमाहियों में अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट आएगी. इसके संकेत अभी से मिलने शुरू भी हो गए हैं. शेयर बाजार लगातार नई ऊंचाई को छू रहा है. वजह साफ है कि बाजार आने वाले समय में बेहतर आंकड़ों को लेकर आश्वस्त है.

जानकारों का कहना है कि विकास दर जितनी नीचे आनी थी वह आ चुकी है. अब उसमें सुधार के संकेत दिखने लगे हैं. जिन 18 संकेंतको पर गौर कर रहे हैं उनमें 15 में सुधार दिखने लगा है. साथ ही अन्य 16 में से 11 संकेतकों में सुधार दिखाई दे रहा है. ऐसे में अगले वित्त वर्ष में देश की आर्थिक विकास दर फिर से रफ्तार पकड़ सकती है.

यह भी पढ़ें : नए साल में रोजगार की स्थिति बेहतर होगी, सर्वे में लोगों ने जताई उम्‍मीद

अर्थव्यवस्था की चाल तेज करने में गैर- बैंकिंग कंपनियों (NBFC-एनबीएफसी) और बैंकों की अहम भूमिका होगी. सरकार ने हाल के दिनों में इन्हें औैर बैंकों को मजबूती देने के लिए कई कदम उठाए हैं. इससे बैंकों का एनपीए घटा है और कर्ज देने की क्षमता बढ़ी है. एनबीएफसी आसान कर्ज उपलब्ध कराते हैं.

सरकार ने बुनियादी ढांचा पर 100 लाख करोड़ रुपये से अधिक खर्च करने की योजना बनाई है. आईसीआईसीआई लोम्बार्ड, जनरल इंश्योरेंस के ईडी संजीव मंत्री का कहना है इसके साथ सरकार बजट में यदि मांग बढ़ाने के लिए बड़े उपाय करती है तो उसका फायदा सभी क्षेत्रों पर होगा जिससे रोजगार बढ़ेंगे.