अघोषित आय पर टैक्स वसूलने के लिये लोकसभा में आयकर अधिनियम में संशोधन बिल पारित हो गया है। हांलांकि इस बिल पर कोई बहस नहीं हुई और इसे विपक्ष के हंगामे के बीच ही पारित कर दिया गया। नोटबंदी के बाद यह एक अहम आर्थिक फैसला है। अघोषित आय और काले धन से लड़ाई में यह बिल महत्वपूर्ण साबित हो सकेगा, ऐसी उम्मीद जताई जा रही है। अपनी आय पर टैक्स देने से बचते रहने वालों के लिए भी यह आखिरी मौके की तरह है।
आइये जानते हैं क्या हैं इस बिल के महत्वपूर्ण बिंदु:
- इस बिल में प्रस्ताव है कि अगर आप अघोषित नकदी घोषित करते हैं, तो आपको कर एवं जुर्माने के रूप में 50% देना होगा।
- अगर आप ऐसा नहीं करते हैं और आयकर अधिकारियों की पकड़ में आ जाते हैं तो आप पर 85% कर एवं जुर्माना लगेगा।
- घोषित करने वालों को अपनी कुल जमा रकम पर 25 प्रतिशत प्रधानमंत्री मंत्री गरीब कल्याण योजना में देना होगा। इस पर आपको कोई ब्याज नहीं मिलेगा और चार साल तक इस रकम को आप हाथ नहीं लगा सकेंगे।
- प्रधानमंत्री मंत्री गरीब कल्याण योजना में जमा हुए धन को सिंचाई, शौचालय, प्राथमिक शिक्षा और स्वास्थ्य आदि मदों में खर्च किया जाएगा।
- इस बिल में 8 नवम्बर को हुई नोटबंदी के बाद जमा की गई अघोषित आय पर 30% टैक्स, 10% ज़ुर्माना और 33% सरचार्ज वसूले जाने का प्रावधान है। मतलब अगर आपके पास पुराने 500 और हज़ार के नोट हैं तोह उन्हें जमा कर देना ही बेहतर है।
- हांलांकि जो सरचार्ज कुल टैक्स पर वसूला जाएगा। इसका मतलब यह कि अगर आप पुराने नोट की एवज़ में 100 रु. टैक्स दे रहे हैं तो 33 रु. सरचार्ज के रूप में देना होगा। पुराने नोट में अघोषित आय की घोषणा करने पर 53 फीसदी कर देना होगा।
- अगर आप अपनी अघोषित आय का स्रोत नहीं बताना चाहेंगे तो आपकी कुल रकम या आय पर 60 फीसदी का टैक्स लगेगा। इससे इतर 15 % सरचार्ज और 3% उपकर भी आपको देना होगा।
Source : News Nation Bureau