विदेशी बाजारों से मिले नकारात्मक संकेतों के बीच आईटी, टेक, वित्त और बैंकिंग समूहों में हुई भारी बिकवाली के दबाव में घरेलू शेयर बाजार लगातार दूसरे दिन बुधवार को गिरावट में बंद हुये।
बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 0.94 प्रतिशत यानी 566.09 अंक की गिरावट में 59,610.41 अंक पर और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 0.83 प्रतिशत यानी 149.75 अंक लुढ़ककर 17,807.65 अंक पर बंद हुआ।
बीएसई की दिग्गज कंपनियों के विपरीत छोटी और मंझोली कंपनियों में निवेशकों का रुझान बना रहा, जिससे बीएसई का मिडकैप 0.41 प्रतिशत और स्मॉलकैप 0.38 प्रतिशत के बढ़त के साथ बंद हुआ।
बीएसई में कुल 3,512 कंपनियों के शेयरों में कारोबार हुआ, जिनमें से 99 कंपनियों के शेयरों के दाम अपरिवर्तित बंद हुये, जबकि 2,163 में तेजी और 1,250 में गिरावट रही।
बाजार पर अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आयी तेजी और अमेरिकी बांड यील्ड के कई साल के उच्चतम स्तर पर पहुंचने का दबाव भी रहा।
सेंसेक्स की 50 में से 20 कंपनियां लाल निशान में और 10 हरे निशान में रहीं जबकि निफ्टी की 50 में से 30 गिरावट में और 20 तेजी में रही।
एचडीएफसी बैंक और एचडीएफसी लिमिटेड सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में सर्वाधिक नुकसान उठाना पड़ा। दोनों कंपनियों के विलय की घोषणा के तत्काल बाद इनके शेयरों में तूफानी तेजी देखी गयी थी लेकिन उसके बाद लगातार दो दिन से मुनाफावसूली हावी है।
निफ्टी में एचडीएफसी बैंक के शेयरों के दाम 3.59 प्रतिशत, एचडीएफसी लिमिटेड के 3.30 प्रतिशत और एचडीएफसी लाइफा के 2.40 प्रतिशत कमजोर हो गये।
सेंसेक्स में एचडीएफसी बैंक के शेयरों के दाम 3.51 प्रतिशत और एचडीएफसी लिमिटेड के 3.30 प्रतिशत टूट गये।
निफ्टी में एचडीएफसी बैंक, एचडीएफसी लिमिटेड, एचडीएफसी लाइफ , एचसीएल और टेक महिंद्रा घाटा उठाने वाली शीर्ष पांच कंपनियों में शामिल हैं।
कोल इंडिया, एनटीपीसी, टाटा स्टील, पावर ग्रिड और बीपीसीएल को निफ्टी में सर्वाधिक लाभ हुआ है।
सेंसेक्स में भी एनटीपीसी, टाटा स्टील, पावर ग्रिड,भारती एयरटेल और नेस्ले सहित 10 कंपनियां लाभ में रहीं, जबकि एचडीएफसी बैंक, एचडीएफसी, एचसीएल टेक, टेक महिंद्रा, इंफोसिस और टीसीएस सहित 20 कंपनियों में बिकवाली का जोर रहा।
बीएसई में यूटिलिटीज, बिजली, दूरसंचार, धातु, तेल एवं गैस आदि के सूचकांक बढ़त में रहे जबकि आईटी ,टेक, बैंकिंग, वित्त आदि के सूचकांक गिरावट में रहे।
एशियाई बाजारों में चीन के शंघाई कंपोजिट को छोड़कर जापान का निक्केई और हांगकांग का हैंगशैंग गिरावट में बंद हुआ।
यूरोपीय बाजारों में ब्रिटेन के एफटीएसई और जर्मनी के डैक्स तथा अमेरिकी शेयर बाजार में रूस पर लगाये गये आर्थिक प्रतिबंधों के परिणाम और फेड रिजर्व द्वारा ब्याज दर बढ़ाये जाने की संभावना हावी रही, जिससे निवेशकों का उत्साह ठंडा रहा।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि एचडीएफसी के शेयरों में आयी तेज गिरावट का असर शेयर बाजार पर रहा है। उन्होंने कहा कि निवेशकों की नजर अभी आरबीआई की मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के परिणाम पर रहेगी। उन्होंने ब्याजद दरों के यथावत रखे जाने की उम्मीद जताई है लेकिन महंगाई के पूर्वानुमान के आंकड़ों में बदलाव की आशंका व्यक्त की है।
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Source : IANS