कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) चालू वित्तवर्ष के लिए भविष्य निधि जमा पर 8.1 प्रतिशत ब्याज का भुगतान करेगा। यह वित्तवर्ष 2021 में 8.5 प्रतिशत से कम और पिछले कई वर्षो की तुलना में सबसे कम है।
एक बयान में कहा गया है, केंद्रीय बोर्ड ने वित्तवर्ष 2021-22 के लिए सदस्यों के खातों में ईपीएफ संचय पर ब्याज की 8.10 प्रतिशत वार्षिक दर जमा करने की सिफारिश की। ब्याज दर को आधिकारिक तौर पर सरकारी राजपत्र में अधिसूचित किया जाएगा, जिसके बाद ईपीएफओ ब्याज दर को ग्राहकों के खातों में क्रेडिट करेगा।
वित्तवर्ष 2020-21 में ईपीएफओ ने 8.5 फीसदी ब्याज दर का भुगतान किया था। यही ब्याज दर 2019-20, 2018-19 में 8.65 फीसदी और 2017-18 में 8.55 फीसदी थी।
हालांकि, प्रस्तावित दर को ईपीएफ खाताधारकों की बैलेंस रकम में जोड़ने से पहले वित्त मंत्रालय से आधिकारिक पुष्टि की जरूरत होती है। ईपीएफओ देश में सेवानिवृत्ति कर्मचारियों का सबसे बड़ा कोष है और लगभग 16 लाख करोड़ रुपये के कोष के साथ दूसरा सबसे बड़ा गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थान है।
वर्ष पूरा होने के बाद महत्वपूर्ण समय अंतराल के साथ पीएफ खातों को वार्षिक रिटर्न के साथ जमा किया जाता है। ईपीएफओ में 24.77 करोड़ सदस्य हैं, जिनके ईपीएफ खाते हैं। कुल सदस्यों में से लगभग 14.36 करोड़ सदस्यों को 31 मार्च, 2020 तक विशिष्ट खाता संख्या (यूएएन) आवंटित किए गए हैं।
केंद्रीय श्रम, रोजगार एवं पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव की अध्यक्षता में ईपीएफ केंद्रीय न्यासी बोर्ड की 230वीं बैठक शनिवार को गुवाहाटी में हुई।
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Source : IANS