कर्नाटक मद्यप्रिय होरता संघ (कर्नाटक शराब प्रेमी संघर्ष संघ) ने राज्य सरकार से राज्य में शराब पीने वालों की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने या शराब पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है।
एसोसिएशन ने इस संबंध में हाल ही में एक सम्मेलन आयोजित किया था। संघ के अध्यक्ष वेंकटेश बोरेहल्ली ने सरकार से शराब प्रेमियों के लिए एक समर्पित पैकेज की मांग की।
उन्होंने मांग की कि सरकार को उनके लिए स्वास्थ्य जांच शिविर आयोजित करने चाहिए और लीवर रोग के उपचार के लिए चिकित्सा खर्च वहन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि शराब पीने से मौत होने पर पीड़ित परिजनों को मुआवजा मिलना चाहिए।
शराब सरकार को अच्छा राजस्व देती है, लेकिन शराबियों के कल्याण की उपेक्षा की जाती है। एसोसिएशन ने अरसीकेरे शहर में आयोजित कार्यक्रम में आबकारी मंत्री के. गोपालैया को भी आमंत्रित किया है। उनका कहना है कि मंत्री ने अभी तारीखों की पुष्टि नहीं की है।
वेंकटेश ने यह भी बताया कि वह आबकारी आयुक्त को सुरक्षित पेय पर एक सेमिनार आयोजित करने के लिए भी आमंत्रित कर रहे हैं।
उन्होंने मांग की कि प्रत्येक बोतल का बीमा किया जाए और उपभोक्ता की मृत्यु होने पर उसके परिवार को एक लाख रुपये दिए जाएं। वेंकटेश ने कहा कि सरकार को बीपीएल कार्ड रखने वाले शराब के उपभोक्ताओं को हर साल एक लाख देने चाहिए।
उन्होंने बारों से शराब की दरें प्रदर्शित करने और बारों में फिल्टर्ड पानी और स्वच्छ शौचालय की व्यवस्था करने की मांग की। सूत्रों ने बताया कि इस साल अप्रैल से नवंबर के बीच राज्य में शराब की बिक्री से 19,450 करोड़ रुपये का आबकारी राजस्व एकत्र किया गया।
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Source : IANS