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Twitter को लेकर एलन मस्क का बड़ा खुलासा, भारत सरकार को लेकर कही ये बात

मस्क ने कहा कि ट्विटर को कोर्ट के दस्तावेजों के मुताबिक भारत में स्थानीय कानून का पालन करना चाहिए. न्यूयॉर्क टाइम्स टेक रिपोर्टर केट कांगर द्वारा पोस्ट किए गए ट्विटर पर अदालती दस्तावेजों के स्नैपशॉट प्रसारित करते दिखे गए.

Updated on: 05 Aug 2022, 11:36 PM

वाशिंगटन:

टेस्ला (Tesla) के CEO एलन मस्क (Elun Musk)और ट्विटर (Twitter) के बीच चल रही अदालती लड़ाई में दोनों पक्षों की ओर से बहस जारी है. Twitter मामला कोर्ट में पहुंचने के बाद टेस्ला के सीईओ ने आरोप लगाया कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने उन्हें 44 बिलियन डॉलर की खरीद के लिए सहमत होने से पहले प्रमुख व्यावसायिक पहलुओं पर गुमराह किया. टेस्ला के सीईओ एलन मस्क (Elun Musk) ने कहा कि सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी ने जोखिम भरे मुकदमे का खुलासा करने में विफल होकर अपने तीसरे सबसे बड़े बाजार भारत को खतरे में डाल दिया. इस दौरान मस्क ने यह भी दावा किया कि सैन फ्रांसिस्को स्थित सोशल मीडिया कंपनी को खरीदने के लिए सौदे पर हस्ताक्षर करने के लिए उनके साथ छलावा किया जा रहा था. टेस्ला सीईओ के आरोपों को ट्विटर ने डेलावेयर कोर्ट में फाइल किया है.

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मस्क ने कहा कि ट्विटर को कोर्ट के दस्तावेजों के मुताबिक भारत में स्थानीय कानून का पालन करना चाहिए. न्यूयॉर्क टाइम्स टेक रिपोर्टर केट कांगर द्वारा पोस्ट किए गए ट्विटर पर अदालती दस्तावेजों के स्नैपशॉट प्रसारित करते दिखे गए. वर्ष 2021 में  भारत के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सरकार को सोशल मीडिया पोस्ट की जांच करने, सूचना की पहचान करने की मांग करने और अनुपालन करने से इनकार करने वाली कंपनियों पर मुकदमा चलाने की अनुमति देने वाले कुछ नियम लागू किए. जबकि मस्क फ्री स्पीच के समर्थक हैं. अदालती दाखिलों में एलन मस्क के बयानों पर ट्विटर ने जवाब दिया कि यह "सम्मानपूर्वक उनकी पूर्ण और सटीक सामग्री के लिए न्यायालय को संदर्भित करता है. ट्विटर के पास आरोपों की सच्चाई के रूप में विश्वास बनाने के लिए पर्याप्त ज्ञान या जानकारी का अभाव है.

जुलाई में कर्नाटक उच्च न्यायालय (Karnataka High court) में दायर एक याचिका का उल्लेख करते हुए मस्क ने भारत सरकार के खिलाफ मुकदमे का खुलासा करने में ट्विटर की विफलता पर भी आपत्ति जताई है. ट्विटर का कहना है कि उसने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69 ए के तहत भारत सरकार द्वारा जारी किए गए कुछ अवरुद्ध आदेशों को चुनौती दी है, जिसमें ट्विटर को अपने मंच से कुछ सामग्री को हटाने का निर्देश दिया गया है, जिसमें राजनेताओं, कार्यकर्ताओं और पत्रकारों की सामग्री शामिल है. ट्विटर ने कर्नाटक उच्च न्यायालय में अपने वकील के माध्यम से कहा कि यदि वे भारत सरकार के उस सामग्री को ब्लॉक करने के आदेश का पालन करते हैं जिसे सक्षम अधिकारियों ने अवैध माना है, तो उनका भारत का व्यवसाय बंद हो जाएगा. हाईकोर्ट ने केंद्र को नोटिस जारी कर सुनवाई 25 अगस्त के लिए स्थगित कर दी थी. इससे पहले अप्रैल में मस्क ने ट्विटर के साथ 54.20 डॉलर प्रति शेयर के हिसाब से एक अधिग्रहण समझौता किया था, जिसका मूल्य लगभग 44 अरब अमेरिकी डॉलर था.