राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने शुक्रवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था के 7 फीसदी की दर से बढ़ने की संभावना है, जबकि 2021-22 में यह 8.7 फीसदी थी।
एनएसओ की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2022-23 में वास्तविक जीडीपी या जीडीपी 157.60 लाख करोड़ रुपये अनुमानित है, जबकि वर्ष 2021-22 के लिए 31 मई 2022 को जारी जीडीपी का प्रोविजन अनुमान 147.36 लाख करोड़ रुपये था। एनएसओ का यह आंकड़ा 2011-12 के स्थिर मूल्य पर आधारित है।
दिसंबर 2022 में आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष के लिए सकल घरेलू उत्पाद (डीजीपी) की वृद्धि दर को 7 प्रतिशत के पहले के अनुमान से घटाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया था। पहले अग्रिम अनुमान में आगे जिक्र किया गया है विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन 2021-22 में 9.9 प्रतिशत की वृद्धि के मुकाबले घटकर 1.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
निजी अंतिम उपभोग व्यय एक साल पहले की तुलना में 2022-23 में 7.7 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है। आंकड़ों में कहा गया है कि ग्रॉस फिक्स्ड कैपिटल फॉर्मेशन चालू वित्त वर्ष में लगभग 11.5 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है। चालू वित्त वर्ष में बिजली क्षेत्र की वृद्धि दर पिछले वित्त वर्ष के 7.5 प्रतिशत की तुलना में 9 प्रतिशत रहने का अनुमान है। पिछले वित्त वर्ष के 3 प्रतिशत की तुलना में कृषि क्षेत्र के लिए अनुमानित वृद्धि 3.5 प्रतिशत आंकी गई है।
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Source : IANS