वित्त मंत्रालय के प्रधान आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल और मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) डॉ वी अनंत नागेश्वरन ने आज यानि सोमवार को भारत का आर्थिक सर्वेक्षण 2021-2022 प्रस्तुत किया. इस अवसर पर सीईए डॉ वी अनंत नागेश्वरन ने कहा कि आर्थिक सर्वेक्षण 2021-2022 को प्रधान आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल और उनके सलाहकारों की टीम द्वारा संकलित किया गया है. सरकार ने चार-आयामी दृष्टिकोण अपनाया है. सर्वेक्षण में कोरोना महामारी का आर्थिक क्षेत्र पर क्या प्रभाव पड़ा, इसका भी खुलासा हुआ है. सर्वेक्षण के मुताबिक महामारी का असर कृषि सेक्टर पर नहीं पड़ा जबकि सर्विस सेक्टर तबाह हो गया.
प्रधान आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल ने कहा कि वर्ष 2021-22 में आर्थिक गतिविधियों में पूर्व-महामारी के स्तर पर पुनरुद्धार हुआ है. भले ही दूसरी COVID लहर की स्वास्थ्य लागत बहुत अधिक गंभीर थी, लेकिन इसकी आर्थिक लागत बहुत अधिक थी.
उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष 7.3% के संकुचन के बाद इस वर्ष अर्थव्यवस्था 9.2% बढ़ने का अनुमान है.
सीईए) डॉ वी अनंत नागेश्वरन ने कहा कि अर्थव्यवस्था के लिए अल्पकालिक समर्थन, विशेष रूप से कमजोर वर्गों के लिए इन अनिश्चित समय के दौरान भौतिक स्थिरता पर कड़ी नजर रखते हुए और साथ ही साथ उस अवसर को कभी न छोड़ें जो एक संकट संरचनात्मक और आपूर्ति-पक्ष सुधार शुरू करने के लिए प्रदान करता है.
प्रधान आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल ने कोरोना के कारण लॉकडाउन के असर की चर्चा करते हुए कहा कि लॉकडाउन से सेवा क्षेत्र ( Service Sector) सबसे ज्यादा प्रभावित रहा. इस क्षेत्र में वढ़ोतरी नहीं हुई. जहां यह पूर्व-महामारी थी, उससे भी इस क्षेत्र में थोड़ा कमी यी है.
प्रधान आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल ने कोरोना और लॉकडाउन से प्रभावित क्षेत्रों की चर्चा करते हुए कहा कि सेवा क्षेत्र जिसमें पर्यटन, यात्रा और होटल शामिल हैं, अभी भी 8.5% नीचे है जहां यह महामारी से पहले था. यह एक ऐसा क्षेत्र है जो अभी भी प्रभावित है.
उन्होंने कृषि क्षेत्र को महामारी से अप्रभावित बताते हुए कहा कि आश्चर्य नहीं कि कृषि क्षेत्र विभिन्न प्रकार के लॉकडाउन से कम से कम प्रभावित हुआ. यह क्षेत्र 2020-21 में भी और फिर 2021-22 में भी बढ़ा. औद्योगिक क्षेत्र संकुचन के दौर से गुजरा और अब यह पूर्व-महामारी के स्तर से लगभग 4.1% अधिक है.
संसद के बजट सत्र के पहले दिन राज्यसभा की बैठक वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा आर्थिक सर्वेक्षण (2021-22), सदन के पटल पर रखे जाने के बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दी गयी.
इससे पहले उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर महासचिव पी सी मोदी ने संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा दिए गए अभिभाषण की प्रति पटल पर रखी. राष्ट्रपति ने संसद के केंद्रीय कक्ष में दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित किया था.
सभापति एम वेंकैया नायडू ने मशहूर कथक नर्तक पंडित बिरजू महाराज के अलावा सदन के मौजूदा सदस्य महेंद्र प्रसाद व पूर्व सदस्यों जयंत राय, देवेंद्र नाथ बर्मन, एम. मूसा व गणेश्वर कुसुम के हाल ही में निधन होने का जिक्र किया.
सदस्यों ने अपने स्थान पर खड़े होकर दिवंगत लोगों के सम्मान में कुछ क्षणों का मौन रखा. इसके बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सदन के पटल पर वित्त वर्ष 2021-22 की आर्थिक समीक्षा की प्रति रखी.
बाद में नायडू ने बैठक को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया. सदन की अगली बैठक मंगलवार को लोकसभा में आम बजट पेश किए जाने के एक घंटे बाद शुरू होगी. उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्री मंगलवार को लोकसभा में वित्त वर्ष 2022-23 का आम बजट पेश करेंगी.