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अब अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने भी भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) को लेकर दिया बड़ा बयान

IMF ने कहा है कि कॉर्पोरेट, पर्यावरणीय नियामक की अनिश्चितता और कुछ गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों की कमजोरियों के कारण भारत की आर्थिक वृद्धि उम्मीद से ‘काफी कमजोर’ है.

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Dhirendra Kumar
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अब अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने भी भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) को लेकर दिया बड़ा बयान

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund-IMF)

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Economic Slowdown: अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund-IMF) ने भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) को लेकर बड़ा बयान दिया है. IMF ने कहा है कि कॉर्पोरेट, पर्यावरणीय नियामक की अनिश्चितता और कुछ गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों की कमजोरियों के कारण भारत की आर्थिक वृद्धि उम्मीद से ‘काफी कमजोर’ है. अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने हालांकि कहा कि इसके बावजूद भारत चीन से बहुत आगे और विश्व की सबसे तेजी से विकास करने वाली बड़ी अर्थव्यस्था बना रहेगा.

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कुछ वित्तीय कमजोरियों की वजह से आर्थिक वृद्धि काफी कमजोर
आईएमएफ (IMF) की प्रवक्ता गेरी राइस के मुताबिक हम नए आंकड़े पेश करेंगे लेकिन खासकर कॉर्पोरेट एवं पर्यावरणीय नियामक की अनिश्चितता एवं कुछ गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों की कमजोरियों के कारण भारत में हालिया आर्थिक वृद्धि उम्मीद से काफी कमजोर है.

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पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मोदी सरकार को दिए सुझाव
पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस नेता डा. मनमोहन सिंह (Former Prime Minister of India Manmohan Singh) ने अर्थव्यवस्था (Indian Economy Slowdown) को पटरी पर लाने के लिए मौजूदा मोदी सरकार (Modi Government) को महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं. दैनिक भास्कर को दिए इंटरव्यू में मनमोहन सिंह ने सुझाव दिया कि सरकार को नौकरियां (Jobs Creation) देने वाले सेक्टरों की ओर ध्‍यान देना चाहिए. मनमोहन सिंह ने माना कि देश आर्थिक सुस्ती के दौर से गुजर रहा है, ये स्ट्रक्चरल और साइक्लिकल दोनों है.

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इंटरव्‍यू में मनमोहन सिंह का कहना था कि सरकार पहले स्‍वीकार करे कि हम संकट के दौर से गुजर रहे हैं. सरकार को चाहिए कि वह विशेषज्ञों और सभी स्टेकहोल्डर्स की बात खुले दिमाग से सुने. सेक्टरवार घोषणाएं करने की बजाए पूरे आर्थिक ढांचे को एक साथ आगे बढ़ाने पर काम किया जाए. उन्होंने आर्थिक हालात सुधारने के लिए ये पांच कदम उठाने की सलाह दी है. 

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मनमोहन सिंह ने सलाह दी है कि जीएसटी को तर्कसंगत करना होगा, भले ही थोड़े समय के लिए टैक्स का नुकसान हो. ग्रामीण खपत बढ़ाने और कृषि को पुनर्जीवित करने के लिए नए तरीके खोजने होंगे. कांग्रेस के घोषणापत्र में ठोस विकल्प हैं, जिसमें कृषि बाजारों को फ्री करके लोगों के पास पैसा लौट सकता है. (इनपुट पीटीआई)

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