Coronavirus (Covid-19): देश के शीर्ष विकसिसत औद्योगिक देशों के समूह के नेताओं ने कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के चलते बंद पड़ी अर्थव्यस्था को पुन: चालू करने के लिए आपस में ताल-मेल के साथ चलने पर सहमति जताई. अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय ने बताया कि ये देश भविष्य में ‘आपूर्ति श्रृंखला को विश्वसनीय बनाने’ के लिए भी मिल कर काम करने पर सहमत हुए हैं. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (Donald Trump) की पहल पर आनलाइन वीडियो कांफ्रेंस के जरिए हुई इस चर्चा में ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली और जापान के नेता शामिल हुए.
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कोरोना की वजह से ठप पड़ी हैं G7 की अर्थव्यवस्था
दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाएं इस सयम कोरोना वायरस महामारी के चलते ठप पड़ी हैं. बहुत सी सरकारें अब अर्थव्यस्था (Economy) फिर से चालू करने को उत्सुक है. ह्वाइट हाउस के एक बयान में कहा गया है, ‘जी7 के नेताओं ने ने अपने मंत्रियों से कहा है कि वे आपस में मिल कर सभी जी7 अर्थव्यवस्थाओं (G7 Economies) को फिर चालू करने का यत्न करें. इसका आधार यह हो जिसमें जी7 (G7) देश अपनी आर्थिक वृद्धि को फिर से प्राप्त कर सकें और इसके साथ साथ प्रणालियां पहले सुदृढ़ हो सकें तथा आपूर्ति की कड़ियां अधिक भरोसेमंद हों. बयान के मुताबिक जी7 के नेतओं ने स्वास्थ्य संबंधी इस संकट और इससे जुड़ी मानवीय और अर्थिक त्रासदी से निपटने के लिए हर संभव उपाय करने तथा इससे वैश्विक स्तर पर समन्वित रूप से निपटने के लिए प्रतिबद्धता जताई है.
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इन देशों ने कहा है कि वे आर्थिक हालत में मजबूती के साथ सुधार के उपाय करने में सहयोग के लिए सहमत है. अमेरिका इस समय जी7 समूह की अध्यक्षता कर रहा है उल्लेखनीय है कि जी-7 देशों के पास विश्व की 58 प्रतिशत संपत्ति है.