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खाते में जमा संदिग्ध रकम पर सीबीडीटी का शिकंजा, 13 लाख लोगों को भेजा एसएमएस

सीबीडीटी के चेयरमैन सुशील चंद्रा ने बताया 18 लाख संदिग्ध खाताधारकों में से 13 लाख लोगों को भेजा गया नोटिस। दो दिन में एसएमएस और ई-मेल्स के ज़रिए नोटिस भेजा गया है।

Updated on: 02 Feb 2017, 06:55 PM

नई दिल्ली:

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड यानि कि सीबीडीटी के चेयरमैन सुशील चंद्रा ने कहा है कि आईटी रडार में आए 18 लाख लोगों में से विभाग दो दिन में 13 लाख लोगों को एसएमएस और ई-मेल्स भेज चुका है। सुशील चंद्रा ने कहा है कि छंटाई के बाद अगर ज़रुरत पड़ी तो विभाग लोगों को नोटिस भी भेजेगा।

उन्होंने कहा है कि जिन लोगों ने नोटबंदी के दौरान बैंक में 5 लाख रुपये से ज़्यादा जमा किए हैं उन्हें इसका हिसाब देना होगा। इसके अलावा उन्होने बताया कि आयकर रिटर्न फाइल करना भी अनिवार्य होगा और तय तारीख तक जमा न कराने पर जुर्माना लगेगा।

गौरतलब है कि नोटबंदी के बाद खातों में संदिग्ध तौर पर जमा हुए पैसे पर आयकर विभाग की नज़र थी। इस पर कार्रवाई करते हुए आयकर विभाग ने 18 लाख लोगों की पहचान की थी।

अब इनमें से 13 लाख लोगों को केंद्रीय प्रत्यक्ष कर विभाग ईमेल्स और एसएमएस के ज़रिए 10 दिन में जमा पैसों का हिसाब देने को कहा है। अगर 10 दिन में आयकर विभाग के नोटिस का जवाब नहीं दिया तो कड़ी कार्रवाई से गुज़रना होगा।

वहीं रेवेन्यु सचिव हंसमुख हदिया ने एक बयान देते हुए कहा था कि देश में 50 लाख कंपनियां है जबकि इनकम टैक्स रिटर्न सिर्फ 9.5 लाख कंपनियां ही भरती है। इसके अलावा उन्होंने बताया कि 'व्यक्तिगत तौर पर भी लोग इनकम टैक्स रिटर्न भरने वालों की संख्या कम हो रही है। ऐसे में हमें टैक्स दायरे को बढ़ाना होगा। इसके अलावा देर से टैक्स रिटर्न भरने वालों पर जुर्माना भी लगाया जाएगा।'

उन्होंने बताया कि 5 लाख से कम वालों पर 1 हज़ार, 5 लाख से ज़्यादा रिटर्न फाइल करने वालों पर 5 हज़ार और 31 मार्च के बाद जो लोग इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं करेंगे उन पर 10 हज़ार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। इस प्रकार टैक्स न चुकाने वालों पर लगाम लगाई जा सकेगी

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