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दिल्ली हाट में कारीगरों पर दोहरी मार, कोरोना समेत अन्य कारणों से पर्यटक भी नदारद

दिल्ली हाट में कारीगरों पर दोहरी मार, कोरोना समेत अन्य कारणों से पर्यटक भी नदारद

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IANS
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Delhi Hat

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

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कोरोना महामारी के मामलों की गति धीमी पड़ने लगी है, लेकिन दिल्ली हाट में दुकान लगाने वाले व्यापारियों पर अभी तक इसका असर बना हुआ है। हजारों की संख्या में आने वाले लोगों की संख्या अब इतनी कम हो गई है कि अब बमुश्किल करीब 500 लोग ही आ पा रहे हैं।

विदेशी पर्यटकों की आमद न होना, तीसरी लहर का डर और इनके अलावा अन्य कारणों से दिल्ली हाट में पर्यटक पहुंच ही नहीं पा रहे हैं।

दिल्ली हाट प्रशासन की मानें तो कोरोना के अलावा तीन अन्य कारण ऐसे हैं, जिसके कारण दिल्ली हाट में लोगों की संख्या पर फर्क पड़ रहा है।

हालांकि दिल्ली हाट में बैठे दुकानदारों के लिए दिल्ली सरकार की तरफ से किराए में राहत दी गई है, लेकिन दुकानदारों का कहना है कि जब तक ग्राहक नहीं आएंगे, दुकान चलाने का भी कोई फायदा नहीं।

दिल्ली हाट में फुलकारी का स्टॉल लगाकर बैठे एक दुकानदार सतिंदर ने आईएएनएस को बताया, पिछले साल लॉकडाउन लगा, हम तब भी सर्वाइव करते रहे, लेकिन जैसे ही रुटीन में आया तो फिर लॉकडाउन लग गया। अब लोग थर्ड वेव के डर से नहीं आ रह हैं, फुटफॉल बेहद कम हो गया है। हालांकि दिल्ली सरकार ने हमारा किराया कम कर दिया है।

दिल्ली हाट में लोगों के न जुटने के अलावा कुछ अन्य कारण भी हैं।

सतिंदर ने आगे बताया, दिल्ली हाट स्थित मेट्रो स्टेशन के दरवाजे हमारी ओर वाले बंद कर दिए गए हैं। जबकि आईएनए की मार्केट की ओर जाने वाले गेट खुले हुए हैं।

उन्होंने कहा, दिल्ली हाट की ओर आने के लिए सबवे नहीं है, वहीं पैदल आने वाला आदमी को एक किलोमीटर घूमना पड़ता है। यहां तक आने के लिए लोगों को मशक्कत करनी पड़ती है। यदि कोई पहली बार आएगा, तो यहां तक पहुंच ही नहीं सकेगा। इन कारणों से कई लोग दिल्ली हाट तक नहीं आ पाते हैं।

दुकानदारों के मुताबिक, दिल्ली हाट में एक वक्त तक हजारों पर्यटक आते थे, सबसे अधिक पर्यटक अब तक करीब 18 हजार से अधिक आए हैं। जबकि महामारी के बाद ये संख्या हजार का आंकड़ा छूने में असमर्थ हो गई है।

यूपी के मिर्जापुर से दिल्ली हाट में दुकान लगाने आए सुहेब अंसारी ने बताया, 16 जुलाई को हमने अपनी दुकान लगाई थी, फिलहाल लोग बेहद कम आ रहे हैं। इधर अब ज्यादा पर्यटक नहीं आते हैं। पहले के मुकाबले लोग खरीदारी भी बेहद कम करते हैं।

उन्होंने कहा, कभी कभी आने जाने का किराया निकल आता है कभी नहीं निकलता है। अभी तो कोरोना के कारण हम लोगों का किराया भी कम कर दिया गया है।

दिल्ली हाट में कार्यरत एक अधिकारी ने नाम जाहिर करने की शर्त पर बताया, कोरोना के कारण फुटफॉल तो कम हुआ है। सामान्य दिनों में 10 हजार तक लोग आते थे, लेकिन अब एक हजार के अंदर ही लोग आ रहे हैं।

दिल्ली हाट प्रशासन के मुताबिक, लोग न आने के 3 अन्य कारण भी है। पहला, दिल्ली हाट के सामने बन रही सड़क के कारण लोग नहीं आ पा रहे हैं, नए लोग दिल्ली हाट ढूंढते ही रह जाते हैं।

दूसरा कारण, दिल्ली हाट की ओर खुलने वाले मेट्रो स्टेशन के दोनों गेट बंद हैं। लेकिन डीएमआरसी ने इस ओर खुलने वाले दरवाजों के बजाय आईएनए मार्केट की ओर वाले दरवाजे खोल दिए हैं। इस कारण ग्राहक दूसरे मार्केट चले जाते हैं।

यदि कोई पुराना ग्राहक दिल्ली हाट आता है तो उसे करीब एक किलोमीटर लंबा चक्कर लगाना पड़ता है।

तीसरा परेशानी पार्किं ग की है, दिल्ली हाट में आने वाले लोग पार्किं ग को लेकर परेशान हो जाते हैं।

फिलहाल, मौजूदा वक्त में दिल्ली हाट में 200 से अधिक दुकानें हैं। इसमें करीब 160 हैंडी क्राफ्ट की दुकानें हैं। 25 फूड स्टॉल्स और 50 कमर्शियल दुकानें हैं। हालांकि करीब 50 दुकानें दिल्ली हाट में खाली पड़ी हुई हैं, जिनमें कोई दुकानदार नहीं आया है।

दिल्ली निवासी जितेंद्र जो कि दिल्ली हाट में हैंड मेड ज्वेलरी की शॉप लगाते हैं, उन्होंने बताया, व्यापार बिल्कुल खराब हो चुका है। अमूमन शनिवार और रविवार को ही लोग आते हैं, सामान्य दिनों में बेहद कम लोग इधर घूमने आते हैं। दूसरा, ऑनलाइन व्यापार ने भी हमारा व्यापार खराब कर दिया है। इस समय विदेशी पर्यटकों भी दिल्ली हाट नहीं आ रहे हैं। जो दुकानदार पहले करीब 8 हजार तक कमा लिया करते थे, वे अब हजार, दो हजार ही कमा पा रहे हैं।

दरअसल, दिल्ली हाट में ज्यादातर स्टॉल अन्य राज्यों के दुकानदार लगाते हैं। रहने और दुकान लगाने पर उन्हें खर्च भी ज्यादा करना पड़ता है। महामारी में दुकान लगाने के कारण कमाई उतनी नहीं है, जितनी उन्होंने उम्मीद की हुई है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

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