राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली फिल्म जगत के लोगों को खूब भाती है। दिल्ली की कई जगहों पर बॉलीवुड की बड़ी फिल्मों और वेब सीरीज को दशार्या गया है। चाहे वो दिल्ली का धड़कन कहे जाने वाला कनॉट प्लेस हो या पूर्वी दिल्ली स्थित कूड़े का पहाड़, ये सभी उनको पसंद आते हैं। इनके अलावा दिल्ली की कुछ मुख्य जगह ऐसी भी है जहां फिल्म मेकर्स फिल्म शूट करने की सबसे ज्यादा इच्छा जाहिर करते हैं।
दिल्ली में अब तक सैंकड़ो फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है, चाहे फिर वो आमिर खान की पीके हो या सलमान खान की बजरंगी भाई जान। नई दिल्ली, दक्षिणि, पूर्वी और उत्तरी दिल्ली में फिल्म निमार्ताओं को इच्छानुसार जगहों पर फिल्म की शूटिंग करने के लिए सम्बंधित निगमों को एक न्यूनतम फीस चुकानी पड़ती है।
इस फीस के तहत नई दिल्ली पालिका परिषद क्षेत्र व तीनों निगमों के अधिकार क्षेत्र में कहीं भी शूटिंग करने के लिए प्रतिदिन न्यूनतम 75 हजार रुपये से लेकर 2 लाख रुपये तक फीस देना होता है।
एनडीएमसी से मिली जानकारी के अनुसार, नई दिल्ली क्षेत्र में जिन जगहों पर फिल्म मेकर्स फिल्म शूट करने की इच्छा जाहिर करते हैं, उनमें कनॉट प्लेस, लोधी रोड, लोधी गार्डन और मंदिर मार्ग स्कूल शामिल हैं। इजाजत मिलने पर फिल्म निमार्ताओं को इन जगहों के 2 लाख रुपये प्रति दीन व प्रति लोकेशन चुकाना होता है।
हाल ही में इन जगहों पर अक्षय कुमार व अन्य 2 फिल्मों की शूटिंग भी हुई है। इससे पहले फिल्म निमार्ता लोकेशन मांगते वक्त फिल्म का टाइटल लिखा करते थे लेकिन, अब निजी कारणों से फिल्म का टाइटल नहीं बताया जाता।
नई दिल्ली क्षेत्र में इस वित्तिय वर्ष में अब तक करीब 20 फिल्मों व वेब सीरीज की शूटिंग हो चुकी है। कोरोना काल के कारण यह आंकड़ा कम रहा है वरना, करीब 40 फिल्मों की शूटिंग की आवेदन आजाया करते थे।
उत्तरी दिल्ली में फिल्म मेकर्स जिन जगहों पर फिल्म शूट करने की इच्छा जाहिर करते हैं, उनमें दिल्ली यूनिवर्सिटी, लाल किला, बुद्धा गार्डन, टाउन हॉल चांदनी चौक, अजमल खान पार्क, करोल बाग, गफ्फार मार्किट, दिल्ली गेट, दरिया गंज, महिला हाट, सुभाष पार्क, आजाद पार्क, तुर्क मान गेट का स्थनीय क्षेत्र आदि शामिल है। हाल ही में अभिषेक बच्चन की फिल्म ब्रेथ 3 और दसवीं फिल्म की शूटिंग हुई थी।
साथ ही दक्षिणि दिल्ली में भी कई जगहों पर फिल्म की शूटिंग हो चुकी है जिनमें औरबिंदो प्लेस मार्किट, कम्युनिटी सेंटर द्वारका, सुभाष नगर गुरुद्वारा, मोती नगर स्थित सोमी हाउसेस, निजामुद्दीन ईस्ट, डिफेंस कॉलनी स्थित जगह, लाजपत नगर सेंट्रल मार्किट, राजौरी गार्डन, आईटीओ स्लम क्षेत्र शामिल हैं।
दक्षिणि दिल्ली में इस वर्ष तीन फिल्मों की शूटिंग हुई है। एक फिल्म फरवरी महीने में सुभाष नगर में हुई, वहीं दूसरी सिक्स सस्पेक्ट वेब सीरीज जो कि लोधी रोड फ्लाईओवर के नीचे हुई है। तीसरी फिल्म नेहरू प्लेस मार्किट में शूट हुई थी।
पूर्वी दिल्ली क्षेत्र में शूटिंग के लिए संरक्षित स्मारकों सहित सभी इमारतों और खुले क्षेत्रों को शामिल किया गया है। इसके अंतर्गत एएसआइ, पूर्वी निगम के संरक्षित भवन, फार्म हाउस, माल, अस्पताल, थिएटर जैसी निजी संपत्तियों को भी शामिल किया गया है।
पूर्वी दिल्ली के त्रिलोक पूरी में दीपिका पादुकोण की फिल्म छपाक की शूटिंग हुई थी। जिन फिल्म निमार्ताओं को क्राइम सिन या थ्रिलर ²श्य दर्शाना होता है तो वह गाजीपुर लैंड फील्ड साइट को चुना करते हैं। साथ ही पूर्वी दिल्ली में फिल्म निमार्ता गाजीपुर लैंड फील्ड साइट पर फिल्म शूट करने की ज्यादा इच्छा जाहिर करते हैं।
हालांकि पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने गाजीपुर लैंड की फील्ड साइट पर फिल्म शूट करने के लिए 2 लाख रुपये की फीस रखी है। यानी अगर कोई फिल्म निमार्ता कूड़े के पहाड़ पर फिल्म को शूट करना चाहेगा तो उसे 2 लाख प्रति दिन चुकाने होंगे।
दरअसल नई दिल्ली पालिका परिषद (एनडीएमसी)अपने क्षेत्र में फिल्म शूटिंग करने की बहुत पहले से ही एक न्यूनतम फीस लेता आया है। वहीं हाल ही में दक्षिणि, पूर्वी और उत्तरी निगम क्षेत्र में फिल्म की शूटिंग करने पर नई नीतियां बनी, ताकि निगम को राजस्व में फायदा हो सके।
इसके तहत एनडीएमसी अधिकार क्षेत्र में कहीं भी फिल्म की शूट करने पर आपको 2 लाख रुपये देने होगा। वहीं दक्षिणी, उत्तरी व पूर्वी दिल्ली नगर निगम अधिकार क्षेत्र में फिल्म की शूटिंग करते हैं तो आपको 75 हजार रुपये प्रति दिन देना होगा। साथ में जीएसटी, वहीं 25 हजार सिक्युरिटी मनी और इसमें 10 हजार रुपये एडमिनिस्ट्रेटिव चार्जेस भी शामिल है।
इसके अलावा पूर्वी दिल्ली अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गाजीपुर लैंड फील्ड साइट ( कूड़े का पहाड़) पर फिल्म की शूटिंग करने पर 2 लाख रुपये प्रति दिन चुकाना है।
दरअसल पूर्वी दिल्ली निगम प्रशासन की माने तो गाजीपुर लैंड फील्ड साइट का इतना दाम इसलिए रखा है ताकि लोग इसपर शूटिंग करने से बचे, क्योंकि लैंड फील्ड साइट पर दुर्घटना होने का डर बना रहता है।
हालांकि इसमें एक बात और गौर करने वाली है कि जबसे दक्षिणि, पूर्वी और उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने राजस्व को बढाने के लिए नीति बनाई है तब से लगभग न के बराबर ही कोई फिल्म शूटिंग की एप्लिकेशन आई है। निगम प्रशासन का यह भी कहना है कि, कोरोना काल के कारण भी सब कुछ बंद रहा जिसके कारण भी फिल्मों की शूटिंग की एप्लिकेशन नहीं आई।
दरअसल इससे पहले किसी भी क्षेत्र में शूटिंग करने के लिए यातयात पुलिस, नगर निकाय, डीएमआरसी, रेलवे आदि ऐसे विभागों से इजाजत लेनी पड़ती थी, लेकिन अब सिंगल विंडो के तहत इधर उधर चक्कर नहीं लगाने पड़ते।
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Source : IANS