जीएसटी परिषद् की बैठक में 18 जुलाई से बैंक चेकबुक पर 18 प्रतिशत और मानचित्र, एटलस तथा ग्लोब पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगाने का निर्णय लिया है।
इसी प्रकार गैर ब्रांड वाली पैकेटबंद दही, लस्सी, छाछ, खाद्य पदार्थ, अनाज आदि को भी जीएसटी के दायरे में लाया गया है। स्याही भी अब पहले से महंगी हो जाएगी।
जीएसटी परिषद की चंडीगढ़ में हुई दो दिवसीय बैठक में ये फैसले लिए गए। यह बैठक केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई थी।
जीएसटी परिषद ने स्याही, चाकू, पेपर नाइफ, पेंसिल शार्पनर, चम्म्रच कांटा, कलछी, केक सर्वर , कृषि पंप, दूध निकालने की मशीन, एलईडी लैम्प, टेट्र पैक आदि पर जीएसटी को 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दिया है।
इसके अलावा अनाज, अंडे आदि की सफाई करने वाले उपकरण पर जीएसटी को पांच प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत तथा सोलर वाटर हीटर और प्रसंस्कृत चमड़े पर जीएसटी को पांच प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत कर दिया है।
दूसरी तरफ मेडिकल वस्तुओं जैसे ऑस्टोमी और ऑर्थोपेडिक उपकरणों , शरीर के कृत्रिम अंग, किसी दोष के कारण या विकलांगता के कारण शरीर में लगाए जाने वाले या पहने जाने वाले मेडिकल उपकरण पर जीएसटी को 12 प्रतिशत के दायरे से घटाकर पांच प्रतिशत के दायरे में लाया गया है।
राष्ट्रीय फाइलेरियसिस उन्मूलन कार्यक्रम में निशुल्क वितरित की जाने वाली डीईसी टैबलेट के आयात पर आईजीएसटी को पांच प्रतिशत की जीएसटी स्लैब से छूट के दायरे में लाया गया है।
ईंधन की लागत के सहित ट्रक या मालवाहक वाहन पर जीएसटी को 18 प्रतिशत से घटाकर 12 प्रतिशत किया गया है।
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Source : IANS