6 साल के निचले स्तर पर रहेगी GDP, इस बड़ी एजेंसी ने जताया अनुमान

इंडिया रेटिंग्स (India Ratings) ने देश की GDP को पिछले 6 साल में सबसे निचले स्तर पर रहने का अनुमान लगाया है. एजेंसी ने वित्त वर्ष 2019-20 में GDP 6.7 फीसदी पर रहने का अनुमान लगाया है.

इंडिया रेटिंग्स (India Ratings) ने देश की GDP को पिछले 6 साल में सबसे निचले स्तर पर रहने का अनुमान लगाया है. एजेंसी ने वित्त वर्ष 2019-20 में GDP 6.7 फीसदी पर रहने का अनुमान लगाया है.

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Dhirendra Kumar
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6 साल के निचले स्तर पर रहेगी GDP, इस बड़ी एजेंसी ने जताया अनुमान

इंडिया रेटिंग्स (India Ratings) की रिपोर्ट

देश की क्रेडिट रेटिंग एजेंसी (Credit Rating Agency) इंडिया रेटिंग्स (India Ratings) ने देश की GDP को पिछले 6 साल में सबसे निचले स्तर पर रहने का अनुमान लगाया है. एजेंसी ने वित्त वर्ष 2019-20 में GDP 6.7 फीसदी पर रहने का अनुमान लगाया है. पिछले साल जीडीपी 6.8 फीसदी थी. हालांकि एजेंसी ने कहा है कि वित्त वर्ष 2019-20 के राजस्व घाटे के लक्ष्य (3.3 फीसदी) को हासिल करने में दिक्कत नहीं होगी. हालांकि एजेंसी ने कहा है कि अगर जीडीपी ग्रोथ को बढ़ाने का प्रयास नहीं किया गया तो NPA जो अभी नीचे जाता दिख रहा है वो और भी बढ़ सकता है.

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लगातार तीसरे साल भी जीडीपी कम रहने की वजह

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  • खपत में गिरावट की वजह से GDP को नुकसान
  • मॉनसून की अनिश्चितता का भी नकारात्मक असर
  • मैन्युफैक्चरिंग ग्रोथ में गिरावट से पड़ा असर
  • समयबद्ध तरीके से IBC के तहत मामले का निपटान नहीं
  • वैश्विक बाजार में तनाव एक प्रमुख कारण

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सात फीसदी रहेगी विकास दर: RBI गवर्नर शक्तिकांत दास
नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार और अंतरराष्ट्रीय संस्था मूडीज की आशंकाओं को धता बताते हुए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शशिकांत दास ने कहा है कि आने वाले पांच वर्षो में देश की अर्थव्यवस्था को पांच लाख करोड़ डॉलर तक पहुंचाने बैंक उद्योगों को छूट देना जारी रखेगा. दास ने कहा कि बीती तिमाही में दर्ज की गई जीडीपी की सुस्ती अस्थाई है और वित्त वर्ष के अंत तक भारतीय अर्थव्यवस्था इससे उबरकर सात फीसदी के करीब ग्रोथ रेट दर्ज करेगी.

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मांग में तेजी लाना सर्वोच्च प्राथमिकता
आरबीआई गवर्नर सिंगापुर में भारतीय बिजनेस कम्युनिटी से बातचीत कर रहे थे. उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे वित्तीय सेक्टर में सुधार होगा, मांग में तेजी आएगी. कंपनियों की बैलेंस शीट सुधरेगी और इसका सकारात्मक असर अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा. उनके मुताबिक मांग में तेजी लाना इस समय रिजर्व बैंक और सरकार दोनों की प्राथमिकता है.

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