दुनिया की इकोनॉमी को भी 'बीमार' कर सकता है कोरोना का Omicron वेरिएंट, IMF चीफ ने जताई चिंता
आईएमएफ की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने एक कांफ्रेंस में कहा कि दुनिया भर में कोरोना का नया वेरिएंट बहुत तेजी से फैल सकता है. इसके चलते हम सबको वैश्विक विकास के लिए अपने अक्टूबर के अनुमानों में कुछ गिरावट देखने को मिल सकती है.
highlights
- ओमीक्रॉन के चलते आईएमएफ विकास अनुमानों को घटा सकता है
- नया वेरिएंट ओमीक्रॉन वैश्विक आर्थिक विकास को चोट पहुंचा सकता है
- यूरोप और अमेरिका डेल्टा वेरिएंट के संक्रमण की लहर से उबर नहीं पाया है
New Delhi:
कोरोनावायरस ( Coronavirus) का नया वेरिएंट ओमीक्रॉन (Omicron) वैश्विक आर्थिक विकास को चोट पहुंचा सकता है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund) ने भी बीते दिन इस बारे में चेतावनी दी है. ओमीक्रॉन दुनिया के कम से कम 40 देशों में फैल चुका है और इसके चलते आईएमएफ (IMF) विकास अनुमानों को घटा सकता है. आईएमएफ की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने एक कांफ्रेंस में कहा कि दुनिया भर में कोरोना का नया वेरिएंट बहुत तेजी से फैल सकता है. इसके चलते हम सबको वैश्विक विकास के लिए अपने अक्टूबर के अनुमानों में कुछ गिरावट देखने को मिल सकती है.
कोरोना के नए और सबसे संक्रामक वेरिएंट ओमीक्रॉन के बारे में बहुत रिसर्च और स्टडी की जरूरत बताई जा रही है. वायरलॉजिस्ट के मुताबिक ओमीक्रॉन किसी दूसरे वायरस से भी आनुवांशिक सामग्री (Genetic Material) ग्रहण कर सकता है. यह सामान्य सर्दी के लिए जिम्मेदार वायरस से जेनेटिक मैटेरियल ले सकता है, जिससे यह मानव प्रतिरक्षा प्रणाली की सुरक्षा को अधिक आसानी से धोखा भी दे सकता है. यूरोप और अमेरिका का बड़ा हिस्सा कोरोना के अब तक के सबसे ज्यादा खतरनाक डेल्टा वेरिएंट के संक्रमण की लहर से उबर नहीं पाया है. अब नया वेरिएंट ओमीक्रॉन इन महादेशों की अर्थव्यवस्था को और अधिक अस्थिर कर सकता है. दुनिया की अर्थव्यवस्था फिलहाल कोरोनावायरस की दो लहरों से जुड़ी लॉकडाउन और उससे उपजी आर्थिक दिक्कतों का सामना कर रही है.
दहशत या घबराहट के बदले सावधानी की जरूरत
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन (Soumya Swaminathan) ने कहा है कि वर्तमान में दुनिया में कोरोना संक्रमण के करीब 99 फीसदी मामले डेल्टा वेरिएंट के हैं. नया वेरिएंट इससे ज्यादा संक्रामक हो सकता है. इसके बावजूद हमें घबराने नहीं, बल्कि तैयार और सतर्क रहने की जरूरत है. हम एक साल पहले से अलग हालात में हैं.
दक्षिण अफ्रीका में मिले कोरोनावायरस के नए वेरिएंट की वजह से दुनिया के कई देशों को यात्रा दिशानिर्देशों को बदलने के लिए मजबूर होना पड़ा है. वहीं कुछ देश संक्रमण के मामले बढ़ने पर नए प्रतिबंध लगाने का विचार कर रहे हैं. इसकी वजह से अर्थव्यवस्था की तेजी की राह में रोड़े अटक सकते हैं.
आपातकालीन वित्तीय सहायता लाने पर मजबूर हो सकते हैं पश्चिमी देश
दुनिया की अग्रणी आर्थिक थिंकटैंक ऑर्गनाइजेशन फॉर इकोनॉमिक को-ऑपरेशन एंड डेवलपमेंट (OECD) ने कहा कि अगर Omicron वेरिएंट की वजह से गंभीर वैश्विक मंदी आती है तो पश्चिमी सरकारें कारोबार और आम लोगों के लिए नए सिरे से आपातकालीन वित्तीय सहायता लाने के लिए मजबूर हो सकती हैं.
ये भी पढ़ें - Omicron वेरिएंट का दुनियाभर की अर्थव्यवस्था पर क्या पड़ेगा असर?
OECD ने Omicron वेरिएंट को लेकर गंभीर चिंता जाहिर की हैं. OECD ने कहा है कि लगातार बढ़ती महंगाई के बीच नए कोविड वेरिएंट से वैश्विक आर्थिक सुधार पर खराब असर पड़ सकता है. संगठन का कहना है कि अगर Omicron वेरिएंट फैलता है तो यह सप्लाई चेन को काफी प्रभावित कर सकता है. उसकी वजह से लंबे समय के लिए उच्च मुद्रास्फीति और वैश्विक आर्थिक सुधार में मंदी आएगी.
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