Coronavirus (Covid-19): लॉकडाउन की वजह से इस राज्य को हो चुका है हजारों करोड़ रुपये का नुकसान

Coronavirus (Covid-19): 'एक्जिट स्ट्रैटजी फॉर कोविड-19 लॉकडाउन रेस्ट्रिक्शंस' नामक रिपोर्ट में कहा गया है कि जीडीपी (GDP) में प्रमुख योगदान करने वाले विनिर्माण, कृषि, निवेश और व्यापार पर लॉकडाउन के दौरान विपरीत असर होने की आशंका है.

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Dhirendra Kumar
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Punjab: Amarinder

अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh)( Photo Credit : IANS)

Coronavirus (Covid-19): कोरोना वायरस (Coronavirus Epidemic) के प्रसार को रोकने के लिए पंजाब (Punjab) में एक महीने से अधिक समय से लागू कर्फ्यू के कारण राज्य में आर्थिक गतिविधियां (Economic Activity) पूरी तरह ठप हैं, और इसके कारण राज्य को लॉकडाउन के प्रथम दिन से ही प्रतिदिन जीडीपी के लगभग 1200-1700 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. यह बात राज्य टास्क फोर्स की रपट में कही गई है.

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विनिर्माण, कृषि, निवेश और व्यापार पर विपरीत असर पड़ने की आशंका
'एक्जिट स्ट्रैटजी फॉर कोविड-19 लॉकडाउन रेस्ट्रिक्शंस' नामक रिपोर्ट में कहा गया है कि जीडीपी (GDP) में प्रमुख योगदान करने वाले विनिर्माण, कृषि, निवेश और व्यापार पर न सिर्फ लॉकडाउन (Lockdown) की अवधि के दौरान विपरीत असर होने की आशंका है, बल्कि आने वाले महीनों में भी. राज्य में सबसे बड़ा नियोक्ता सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (MSME) सेक्क्टर बुरी तरह इससे प्रभावित हो सकता है. पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) ने अनपेक्षित लॉकडाउन से राज्य के धीरे-धीरे बाहर निकलने के तरीके तलाशने के लिए इस टास्क फोर्स का गठन किया है.

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भारत का अनाज का कटोरा है पंजाब
भारत का अनाज का कटोरा कहा जाने वाला पंजाब केंद्रीय खरीददारी पूल में सबसे ज्यादा का योगदान करता है. रिपोर्ट में आगाह किया गया है कि यह अवधि (अप्रैल-मई) बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह रबी की फसल को काटने और खरीफ की फसल को बोने का समय है. यदि कर्फ्यू में ढील नहीं दी गई तो यह न सिर्फ राज्य की खाद्य सुरक्षा के लिए बड़ा झटका होगा, बल्कि पूरे देश के लिए भी. इसके अलावा पंजाब की अर्थव्यवस्था लगभग 40 सालों के अंतराल बाद संभावित संकुचन की स्थिति में है. राज्य की राजकोषीय स्थिति गंभीर रूप से गड़बड़ा सकती है, क्योंकि आर्थिक गतिविधि के बंद होने के कारण कर और गैर कर राजस्व की धाराए सूख चुकी हैं.

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रपट में कहा गया है कि स्वास्थ्य और सामाजिक सेक्टर की जरूरतें पूरी करने के लिए पर्याप्त फंड के प्रावधान से बचा नहीं जा सकता. टास्क फोर्स ने भावी कार्ययोजना तय करने में राज्य को अधिक स्वायत्तता की उम्मीद की है, और केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से जारी संशोधित दिशानिर्देश में संशोधनों की सिफारिश की है, ताकि तीन मई के बाद लॉकडाउन बढ़ने की स्थिति में श्रम बाजार को फिर से चालू किया जा सके और ठहर सी गई औद्योगिक अर्थव्यवस्था को गति दिया जा सके. रिपोर्ट में सिफारिश की गई है कि लॉकडाउन से बाहर निकलने की रणनीति को स्वास्थ्य और गैर स्वास्यि संबंधित उद्देश्यों में विभाजित किया जा सकता है.

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