Coronavirus (Covid-19): भारत का आर्थिक कीमत पर लॉकडाउन का फैसला बुद्धिमानी भरा कदम: IMF

Coronavirus (Covid-19): IMF ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की विकास दर के अनुमान को संशोधित कर जनवरी में किए गए 5.8 प्रतिशत से 1.9 प्रतिशत कर दिया, जो पहले अक्टूबर में किए गए 7 प्रतिशत से कम था.

Coronavirus (Covid-19): IMF ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की विकास दर के अनुमान को संशोधित कर जनवरी में किए गए 5.8 प्रतिशत से 1.9 प्रतिशत कर दिया, जो पहले अक्टूबर में किए गए 7 प्रतिशत से कम था.

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Dhirendra Kumar
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International Monetary Fund-IMF

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund-IMF)( Photo Credit : फाइल फोटो)

Coronavirus (Covid-19): कोरोना वायरस (Corona Virus) की रोकथाम के मद्देनजर भारत द्वारा लागू किए गए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन (Lockdown) के फैसले का समर्थन करते हुए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund-IMF) ने कहा कि आर्थिक कीमत पर लॉकडाउन का यह निर्णया बुद्धिमानी भरा कदम है. ऑगेर्नाइजेशन के एशिया एंड पैसिफिक डिपार्टमेंट के डायरेक्टर चंगयोंग राई ने बुधवार को एक न्यूज कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, "स्लोडाउन के बीच भारत में महामारी का प्रसार हुआ और ऐसे में इसके रिक्वरी की संभावना अधिक अनिश्चित हो जाती है.

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जीडीपी ग्रोथ रेट 5.8 प्रतिशत से 1.9 प्रतिशत कर दिया
आईएमएफ ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की विकास दर के अनुमान को संशोधित कर जनवरी में किए गए 5.8 प्रतिशत से 1.9 प्रतिशत कर दिया, जो पहले अक्टूबर में किए गए 7 प्रतिशत से कम था. राई ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Epidemic) के खिलाफ भारत की सख्त कार्रवाई आर्थिक गतिविधि में गिरावट का कारण बन सकती है, विकास दर निश्चित रूप से नीचे जाएगी, लेकिन मुझे लगता है कि इस बीमारी के फैलने की दीर्घकालिक क्षति को कम करने के लिए लिया गया यह एक बुद्धिमान भरा और महत्वपूर्ण निर्णय है.

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उन्होंने कहा कि राजकोषीय प्रोत्साहन और साथ ही भारत सरकार और रिजर्व बैंक द्वारा अपनाई गई मॉनेटरी पॉलिसी सही दिशा में है, लेकिन क्या वे पर्याप्त होंगे यह इस बात पर निर्भर करता है कि कन्टेंटमेंट पॉलिसी कैसे अपनाई जाती है और यह कितनी सफल होगी. उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि भारत के प्रयास सफल होंगे. हालांकि, ऐसा नहीं होने पर उन्होंने कहा लेकिन अगर स्थिति गंभीर होती है, तो मुझे लगता है कि छोटी अवधि में उनके पास अर्थव्यवस्था में मंदी को रोकने के लिए अधिक राजकोषीय और मॉनेटरी पॉलिसी का उपयोग करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है.

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