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Coronavirus (Covid-19): आज जारी होंगे पहली तिमाही के GDP के आंकड़े, भारी गिरावट की आशंका

Coronavirus (Covid-19): अनुमान लगाया जा रहा है कि देश के आजाद होने के बाद यह आर्थिक विकास दर के आंकड़े सबसे खराब हो सकते हैं. बता दें कि रिजर्व बैंक से लेकर कई रेटिंग एजेंसियां जीडीपी में भारी गिरावट की आशंका जता चुकी हैं.

Updated on: 31 Aug 2020, 09:17 AM

नई दिल्ली:

Coronavirus (Covid-19): चालू वित्त वर्ष 2020 21 की पहली तिमाही के लिए आर्थिक विकास दर यानि GDP के आंकड़े आज जारी किए जाएंगे. अनुमान लगाया जा रहा है कि देश के आजाद होने के बाद यह आर्थिक विकास दर (Economic Growth Rate) के आंकड़े सबसे खराब हो सकते हैं. आर्थिक विकास दर के आंकड़े देश में लॉकडाउन के ऐलान के समय के हैं. बता दें कि लॉकडाउन के दौरान देश की अर्थव्यवस्था का पहिया ठहर गया था. राष्ट्रीय सांख्यिकी विभाग शाम 5:30 बजे यह आंकड़े जारी करेगा. बता दें कि रिजर्व बैंक से लेकर कई रेटिंग एजेंसियां जीडीपी में भारी गिरावट की आशंका जता चुकी हैं.

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अप्रैल-जून तिमाही में 25 प्रतिशत की गिरावट की आशंका
देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में 25 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है. विश्लेषकों ने यह अनुमान जताया है. जीडीपी का जून तिमाही का आंकड़ा आज यानि 31 अगस्त को जारी किया जाएगा. विश्लेषकों का कहना है कि आधिकारिक आंकड़ों में विनिर्माण, निर्माण और व्यापार, होटल, परिवहन तथा संचार सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्र होंगे. कोविड-19 महामारी (Coronavirus Epidemic) और उसकी रोकथाम के लिये 25 मार्च से देश भर में ‘लॉकडाउन’ का आर्थिक गतिविधियों पर बुरा असर पड़ा है.

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कोविड को काबू में लाने के लिए किए गए उपायों से अर्थव्यवस्था पर पड़ा प्रतिकूल प्रभाव
रेटिंग एजेंसी इक्रा के अनुसार 2020-21 की पहली तिमाही में जीडीपी और सकल मूल्य वर्धन (जीवीए) में सालाना आधार पर 25-25 प्रतिशत की गिरावट आने की आशंका है. एजेंसी के अनुसार आर्थिक वृद्धि में गिरावट का प्रमुख कारण विनिर्माण, निर्माण और व्यापार, होटल, परिवहन, संचार और प्रसारण सेवा क्षेत्रों का खराब प्रदर्शन है. इन उप-क्षेत्रों का अर्थव्यवस्था में 45 प्रतिशत योगदान है. विदेशी ब्रोकरेज कंपनी बार्कलेज ने भी जून तिमाही में अर्थव्यवस्था में 25.5 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान जताया है. उसने कहा कि कोविड-19 महामारी को काबू में लाने के लिये जो उपाय किये गये हैं, उसका अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है.

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बार्कलेज के अनुसार ग्रामीण अर्थव्यवस्था, सरकार का व्यय और जरूरी चीजों पर खर्च से गिरावट को कुछ हद तक थामने में मदद मिली है. ब्रोकरेज कंपनी ने यह भी कहा कि जून तिमाही में बदतर स्थिति संभवत: समाप्त हो जाएगी, लेकिन चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि में नरमी बनी रहेगी. पूरे वित्त वर्ष 2020-21 में इसमें 6 प्रतिशत की गिरावट आने की आशंका बरकरार है. (इनपुट भाषा)