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मोदी सरकार महंगाई को रोकने में नाकाम, मुद्रास्फीति 5.54 फीसदी से बढ़कर 7.35 फीसदी हुई

मोदी सरकार महंगाई को रोकने में नाकाम, मुद्रास्फीति 5.54 फीसदी से बढ़कर 7.35 फीसदी हुई

Updated on: 13 Jan 2020, 06:26 PM

नई दिल्ली:

मोदी सरकार को सोमवार को बड़ा झटका लगा है. दिसंबर में खुदरा महंगाई दर बढ़कर 7.35 फीसदी हो गई है. पिछले महीने नवंबर में मुद्रास्फीति 5.54 फीसदी थी, लेकिन दिसंबर में महंगाई दर में काफी उछाल आया है. महंगाई दर 5.54 फीसदी  से 7.35 फीसदी हो गई. मोदी सरकार अर्थव्यवस्था की हालत को सुधारने में नाकाम रही है. अर्थव्यवस्था की हालत बहुत ही खराब हो चुकी है. पिछले महीने जारी जीडीपी आंकड़े में भी काफी गिरावट दर्ज की गई थी. जीडीपी की हालत खराब होने के साथ महंगाई दर में काफी बढ़ोतरी हो गई है. 

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खुदरा मुद्रास्फीति की दर दिसंबर, 2019 में जोरदार तेजी के साथ 7.35 प्रतिशत के स्तर पर पहुंच गई है. यह भारतीय रिजर्व बैंक के संतोषजनक स्तर से कहीं अधिक है. खाद्य वस्तुओं की कीमतों में तेजी की वजह से खुदरा मुद्रास्फीति में उछाल आया है. सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा मुद्रास्फीति नवंबर, 2019 में 5.54 प्रतिशत और दिसंबर, 2018 में 2.11 प्रतिशत के स्तर पर थी. सरकारी आंकड़ों के अनुसार दिसंबर में खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति बढ़कर 14.12 प्रतिशत पर पहुंच गई. दिसंबर, 2018 में यह शून्य से 2.65 प्रतिशत नीचे थी.

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नवंबर, 2019 में यह 10.01 प्रतिशत पर थी. केंद्र सरकार ने रिजर्व बैंक को मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत (दो प्रतिशत ऊपर या नीचे) के दायरे में रखने का लक्ष्य दिया है. अब यह केंद्रीय बैंक के लक्ष्य से कहीं अधिक हो गई है. फूड इन्फ्लेशन 12.16 फीसदी अधिक, सब्जियां 60 फीसदी महंगी, दाल में 15.44 फीसदी, अंडा 9 फीसदी और मीट 10 फीसदी अधिक महंगा हो जाएगा. जुलाई 2014 में खुदरा महंगाई दर 7.39 फीसदी था. यानी साढ़े पांच साल में सबसे अधिक महंगाई दर दिसंबर में दर्ज हुई है.