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आम आदमी को महंगाई के मोर्चे पर मिली बड़ी राहत, मुद्रास्फीति में आई गिरावट

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति दिसंबर 2020 में 4.59 फीसदी दर्ज की गई थी. जनवरी 2021 के दौरान खुदरा मुद्रास्फीति (Retail Inflation) गिरकर 4.06 फीसदी पर आ गई है.

Updated on: 13 Feb 2021, 10:07 AM

highlights

  • जनवरी 2021 के दौरान खुदरा मुद्रास्फीति गिरकर 4.06 फीसदी पर आ गई
  • CPI पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति दिसंबर 2020 में 4.59 फीसदी दर्ज की गई 

नई दिल्ली :

आम आदमी को महंगाई (Inflation) के मोर्चे पर बड़ी राहत मिली है. जनवरी 2021 के दौरान खुदरा मुद्रास्फीति (Retail Inflation) गिरकर 4.06 फीसदी पर आ गई है. सब्जियों के दाम कम होने की वजह से खुदरा महंगाई में कमी दिखाई दे रही है. शुक्रवार को जारी किए गए सरकारी आंकड़ों के मुताबिक उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति दिसंबर 2020 में 4.59 फीसदी दर्ज की गई थी. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक जनवरी 2021 में खाद्य वर्ग में कीमतों में सालाना आधार पर बढ़ोतरी की दर 1.89 फीसदी दर्ज की गई है. बता दें कि दिसंबर 2020 के दौरान खाद्य मुद्रास्फीति की दर 3.41 फीसदी रही थी.

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रिजर्व बैंक को सौंपी है खुदरा महंगाई में दो फीसदी घट-बढ़ के साथ चार फीसदी रखने की नीतिगत जिम्मेदारी 
गौरतलब है कि संसद ने रिजर्व बैंक को खुदरा महंगाई में दो फीसदी घट-बढ़ के साथ चार फीसदी रखने की नीतिगत जिम्मेदारी सौंपी है. बता दें कि लगातार दूसरे महीने जनवरी के दौरान खुदरा महंगाई दर को इस दायरे में देखने को मिली है. बता दें कि जनवरी 2021 के दौरान सब्जियों की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई है. सब्जियों की मुद्रास्फीति शून्य से 15.84 फीसदी नीचे दर्ज की गई है. वहीं दूसरी ओर दाल एवं उत्पाद श्रेणी में मुद्रास्फीति नरमी के साथ 13.39 फीसदी पर आ गई थी. गौरतलब है कि दिसंबर 2020 के दौरान सब्जियों की महंगाई शून्य से 10.41 फीसदी नीचे रही थी. वहीं दूसरी ओर दाल एवं उत्पाद खंड में महंगाई दर 15.98 फीसदी दर्ज की गई थी.

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भारत के औद्योगिक उत्पादन में दिसंबर में 1 प्रतिशत की वृद्धि
भारत में दिसंबर महीने में औद्योगिक उत्पादन में एक प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, जो कि औद्योगिक गतिविधि में तेजी का एक संकेत हैं. शुक्रवार को आधिकारिक आकंड़ों में इसकी पुष्टि हुई है. यह वृद्धि साल-दर-साल के आधार पर दर्ज की गई है. आईआईपी के त्वरित अनुमान के अनुसार, नवंबर 2020 में (माइनस) 2.09 प्रतिशत का संकुचन यानी गिरावट देखी गई थी, मगर दिसंबर में एक प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई है. औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के आंकड़ों के अनुसार, विनिर्माण क्षेत्र के उत्पादन में दिसंबर 2020 में 1.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. वहीं खनन उत्पादन में 4.8 प्रतिशत की गिरावट आई है, जबकि बिजली उत्पादन में दिसंबर 2020 में 5.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. कोविड-19 महामारी के कारण पिछले साल मार्च से औद्योगिक उत्पादन पर असर पड़ा है. (इनपुट आईएएनएस)