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मेडीसिन और मेडिकल इक्विपमेंट मैन्युफैक्च रिंग का हब बनेगा यूपी

मेडीसिन और मेडिकल इक्विपमेंट मैन्युफैक्च रिंग का हब बनेगा यूपी

Updated on: 06 Jul 2021, 01:44 PM

लखनऊ:

मेडिकल इक्विपमेंट मैन्युफैक्च रिंग के क्षेत्र में जल्दी ही उत्तर प्रदेश का एक बड़ा हब बन जाएगा। यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा बनाए जाने वाले मेडिकल डिवाइस पार्क और ललितपुर में बनाए जाने वाले फार्मा पार्क के चलते यह परिवर्तन होगा। यहीं नही यूपी के मेडिकल इक्विपमेंट निर्माता चीन और अमेरिका की मेडिकल इक्विपमेंट मैन्युफैक्च रिंग कंपनियों को टक्कर (चुनौती) देते हुए दिखाई देंगे। जल्दी ही इन पाकोर्ं के निर्माण का कार्य शुरू होगा।

गौरतलब है कि बीते साल केंद्र सरकार ने चिकित्सा उपकरण और दवा के मामले में आत्मनिर्भरता के लिए फार्मा पार्क और मेडिकल डिवाइस पार्क की स्थापना विभिन्न राज्यों में कराने का निर्णय लिया था। यह तय किया था कि ये पार्क उन्हीं राज्यों में बनेंगे जहां का इंफ्रास्ट्रक्च र बेहतर होगा। निवेश करने वाले उद्यमियों को डिपार्टमेंट अफ फार्मास्यूटिकल की ओर से वित्तीय मदद दी जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केंद्र सरकार की इस योजना का संज्ञान लेते हुए राज्य में फार्मा और मेडिकल डिवाइस पार्क की स्थापना कराने की योजना तैयार कराई।

मुख्यमंत्री योगी के आदेश पर फार्मा पार्क और मेडिकल डिवाइस पार्क की स्थापना के लिए जमीन की तलाश की गई। कानपुर, उन्नाव, ललितपुर तथा पीलीभीत में फार्मा पार्क की स्थापना के लिए जमीन चिन्हित हुई। जबकि मेडिकल डिवाइस पार्क के लिए यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने सेक्टर- 28 में 350 एकड़ भूमि चिंहित की गई।

मुख्यमंत्री ने यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा चिंहित की गई भूमि पर मेडिकल डिवाइस पार्क तथा ललितपुर में चिंहित की गई भूमि पर फार्मा पार्क की स्थापना करने पर अपनी रजामंदी जता दी। इसी के बाद मेडिकल डिवाइस पार्क और फार्मा पार्क की स्थापना का प्रस्ताव तैयार कर उसे केंद्र सरकार को भेज दिया गया। केंद्र की सहमति मिलते ही इन पाकोर्ं के निर्माण का कार्य शुरू हो जाएगा।

औद्योगिक विकास तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग के अफसरों के अनुसार यूपी में बनाए जाने वाले मेडिकल डिवाइस पार्क तथा फार्मा पार्क सूबे के दवाओं और मेडिकल इक्विपमेंट मैन्युफैक्च रिंग कारोबार को मजबूती प्रदान करेंगे। मौजूदा समय में राज्य में अधिकांश महत्वपूर्ण मेडिकल इक्विपमेंट का आयात किया जाता है। इसमें 75 प्रतिशत हिस्सा आयातित औजारों का होता है। अभी देश में चिकित्सा एवं दंत रोग उपचार के इक्विपमेंट बनाने वाले कुल 316 कारखाने हैं, जिनमें से करीब 10 प्रतिशत फैक्ट्रियां यूपी में हैं। इस मामले में यूपी गुजरात के बाद दूसरे नंबर पर है। गुजरात में करीब 18 प्रतिशत मेडिकल इक्विपमेंट बनाने वाली फैक्ट्रियां हैं। अकेले यूपी में चिकित्सा उपकरण क्षेत्र का कारोबार 500 करोड़ रुपये से ज्यादा का है। पूरे देश में ये कारोबार करीब 5300 से 6000 करोड़ रुपये का है। यूपी इन उपकरणों का बड़ा बाजार होने के साथ-साथ मैन्युफैक्च रिंग की कम लागत की वजह से इस क्षेत्र में निवेश करने वाले निवेशकों की पहली पसंद बन सकता है।

अभी देश में चार मेडिकल डिवाइस पार्क पर हैं, जो दक्षिण के राज्यों आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु और केरल में स्थित है। यूपी में इस तरह का कोई पार्क नहीं है, इस कमी को दूर करने में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद रूचि कर रहे हैं। मेडिकल डिवाइस पार्क में कई रेडियोलजिकल डिवाइस लगाने की तैयारी है। जिनमें सिटी स्कैन, एक्सरे मशीन, बीपी मनिटर, पल्स अक्सीमीटर, वेंटिलेटर आदि को शामिल किया गया है। राज्य का पहला मेडिकल डिवाइस पार्क यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के सेक्टर-28 में 350 एकड़ भूमि पर बनाया जाएगा।

सूक्ष्म, लघु एवं मद्यम उद्यम विभाग के अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने कहा है कि फार्मा पार्क बनाने की दिशा में सरकार तेजी से प्रयास कर रही है। आने वाले दिनों में राज्य दवा और मेडिकल उपकरण बनाने का बड़ा हब बनेगा।

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