देश की गिरती जीडीपी पर मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमण्यम ने किया ये दावा

देश की जीडीपी गिरकर 4.5 प्रतिशत तक जा पहुंची है.

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Ravindra Singh
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देश की गिरती जीडीपी पर मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमण्यम ने किया ये दावा

मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमण्यम( Photo Credit : ट्वीटर)

आर्थिक मोर्चे पर मोदी सरकार लगातार गोते लगा रही है. देश की अर्थव्यवस्था लगातार खराब होती जा रही है. दूसरी तिमाही में देश की जीडीपी में गिरावट आई है. देश की जीडीपी गिरकर 4.5 प्रतिशत तक जा पहुंची है. इसके पहले साल 2019-20 की दूसरी तिमाही जुलाई से सितम्बर के जीडीपी के आंकड़ों में पहली तिमाही में देश की जीडीपी 5 फीसदी थी. वहीं सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़ों पर मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमण्यन ने सरकार का पक्ष लेते हुए कहा कि हम फिर से कह रहे हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था के मूल तत्व मजबूत हैं और तीसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ के स्पीड पकड़ने की उम्मीद है.

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देश की आर्थिक विकास दर में सितंबर तिमाही में गिरावट दर्ज की गई है जुलाई-सितंबर तिमाही में आर्थिक विकास दर 4.5 फीसदी रही जबकि एक साल पहले इस समय आर्थिक विकास दर 7 फीसदी थी. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक बुनियादी उद्योगों (Core Sector) का उत्पादन अक्टूबर में 5.8 प्रतिशत गिरा. इस तिमाही में देश की अर्थव्यवस्था पिछले सात सालों में सबसे नीचे पहु्ंची. 26 सप्ताह में जीडीपी के आंकड़े सबसे निचले स्तर 4.5 तक जा पहुंचे हैं. आपको बता दें कि साल 2013 में देश की जीडीपी 4.3 प्रतिशत तक रही थी. पिछले 26 तिमाही में सबसे निचले स्तर पर पहुंची जीडीपी.

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देश की विकास दर में बड़ी गिरावट आई है दूसरी तिमाही में विकास दर में गिरावट विकास दर 5.0 से घटकर 4.5 प्रतिशत पहुंची. वहीं पहली तिमाही में विकास दर 5.0 प्रतिशत थी. अप्रैल-अक्टूबर 2019 में वित्तीय घाटा 6.48 लाख करोड़ था यह बढ़कर अब 7.20 लाख करोड़ हो गया है. अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर केंद्र की मोदी सरकार के तमाम दावे और तरकीबें नाकाम साबित हुई हैं. देश के आठ प्रमुख उद्योगों का विकास दर में गिरावट आई है पिछले साल यानि कि अक्टूबर 2018 के मुकाबले अक्टूबर 2019 में ग्रोथ रेट गिरकर 5.8 आ गया है. वहीं सितंबर में यह आंकड़ा 5.2 फीसदी था.

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आपको बता दें कि वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने पहले ही आंकलन किया था कि जुलाई-सितंबर तिमाही तिमाही के दो महीनों में कोर सेक्टर और आईआईपी की हालत बेहद खराब रही, जिसका असर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर पर नजर आएगा. देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक, भारतीय स्टेट बैंक ने एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें दूसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर केवल 4.2 फीसदी आंकी थी. 

KV Subramanian Gross Domestic Product Growth Chief Economic Advisor GDP
      
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