logo-image

फर्जी आईटीसी दावों पर सीजीएसटी अफसरों ने 23 फर्मों के नेटवर्क का किया भंडाफोड़

फर्जी आईटीसी दावों पर सीजीएसटी अफसरों ने 23 फर्मों के नेटवर्क का किया भंडाफोड़

Updated on: 11 Jul 2021, 07:25 PM

नई दिल्ली:

सेंट्रल गुड्स एंड सर्विस टैक्स (सीजीएसटी) कमिश्नरेट, दिल्ली (पश्चिम) की एंटी-एविजन शाखा के अधिकारियों ने लगभग 91 करोड़ रुपये के माल-रहित चालान के माध्यम से अस्वीकार्य इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का लाभ उठाने और पारित करने के मामले का खुलासा किया है।

वित्त मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि मोडस ऑपरेंडी में अस्वीकार्य क्रेडिट का लाभ उठाने या उपयोग करने और पास करने के इरादे से कई फर्मों का फ्लोटिंग शामिल था।

इस नेटवर्क में शामिल फर्मों में गिरधर एंटरप्राइजेज, अरुण सेल्स, अक्षय ट्रेडर्स, श्री पद्मावती एंटरप्राइजेज और 19 अन्य शामिल हैं। इन 23 फर्मों को सरकार को वास्तविक जीएसटी का भुगतान किए बिना धोखाधड़ी वाले आईटीसी को पारित करने के इरादे से माल-रहित चालान बनाने के लिए मंगाया गया था।

फर्जी चालान बनाने और बेचने के उक्त कारोबार में दिवंगत दिनेश गुप्ता, शुभम गुप्ता, विनोद जैन और योगेश गोयल जुड़े थे। ये इकाइयां विभिन्न वस्तुओं में काम कर रही हैं और 551 करोड़ रुपये के माल-रहित चालान बनाने और लगभग 91 करोड़ रुपये की गैर-अनुमति आईटीसी पारित करने में शामिल हैं।

मंत्रालय ने कहा कि तीनों आरोपियों ने अपना अपराध स्वीकार करते हुए स्वेच्छा से बयान दिया।

शुभम गुप्ता, विनोद जैन और योगेश गोयल ने जानबूझकर सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 132(1)(बी) और 132(1)(सी) के तहत अपराध किए जो धारा 132 (5) के प्रावधानों के अनुसार सं™ोय और अधिनियम की धारा 132 की उपधारा (1) के खंड (आई) के तहत गैर-जमानती दंडनीय अपराध हैं।

बयान में कहा गया है, उन्हें शनिवार, 10 जुलाई को सीजीएसटी अधिनियम की धारा 132 के तहत गिरफ्तार किया गया और ड्यूटी मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट द्वारा 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। आगे की जांच जारी है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.