2 साल तक कैशलेस डिजिटल भुगतान हुआ फ्री, सरकार ने MDR पर सब्सिडी को दी मंज़ूरी
पहली जनवरी से रिज़र्व बैंक ने नयी व्यवस्था में लेन-देन की रकम के बजाए कुल कारोबार को मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) को आधार बनाया है।
highlights
- कैबिनेट ने MDR चार्जेज पर सब्सिडी देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी
- डेबिट कार्ड से 2000 रुपये तक का भुगतान करने पर सब्सिडी मिलेगी
- 2000 रुपये से ज्यादा के भुगतान पर एमडीआर चार्जेज 1 फीसदी है
नई दिल्ली:
कैबिनेट ने MDR चार्जेज पर सब्सिडी देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। अब डेबिट कार्ड से 2000 रुपये तक का भुगतान करने पर सब्सिडी मिलेगी। बता दें कि 31 दिसम्बर तक 1000 रुपये के लेन-देन पर एमडीआर की दर 0.25 फीसदी है, यानी ज्यादा से ज्यादा ढाई रुपये।
वहीं 1000 रुपये से ज्यादा लेकिन 2000 रुपये तक के लेन-देन पर एमडीआर की दर 0.5 फीसदी है। जबकि 2000 रुपये से ज्यादा के भुगतान पर एमडीआर चार्जेज 1 फीसदी है।
केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) सभी डेबिट कार्ड/BHIM यूपीआई/एईपीएस लेनदेन पर लागू होते हैं और इसमें 2000 रुपये तक के लेनदेन को 1 जनवरी 2018 से बैंकों को आपूर्ति कर सरकार 2 साल तक वहन करेगी।
जीएसटी में आने के बाद भी पेट्रोलियम पर राज्य सरकारें वसूल सकेंगी अतिरिक्त कर: सुशील मोदी
उन्होंने बताया कि अप्रैल-सितंबर 2017 के दौरान डिजिटल लेनदेन का मौद्रिक मूल्य 2.18 लाख करोड़ रुपए था। रविशंकर प्रसाद ने बताया कि सब्सिडी पर पहले साल 1050 करोड़ और दूसरे साल 1462 करोड़ रुपये का बोझ सरकार पर पड़ेगा। यह 1 जनवरी 2018 से लागू हो जाएगा।
बता दें कि पहली जनवरी 2018 से रिज़र्व बैंक ने नयी व्यवस्था में लेन-देन की रकम के बजाए कुल कारोबार को मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) को आधार बनाया है। साथ ही प्वाइंट ऑफ सेल्स (पीओएस) पॉस मशीन और क्विक रिस्पांस यानी क्यू आर कोड के लिए दरें अलग-अलग कर दी हैं।
नयी व्यवस्था के तहत कारोबारियों को दो समूह में बांटा गया है और हर समूह के लिए एमडीआर की अलग-अलग दर होगी।
मेक इन इंडिया को मिली ताकत, मोबाइल और माइक्रोवेव की कस्टम ड्यूटी में इजाफा
छोटे कारोबारी, यानी बीते कारोबारी साल में जिनका कुल कारोबार 20 लाख रुपये तक था, उनके लिए पीओएस पर एमडीआर की दर 0.4 फीसदी तक हो सकती है, लेकिन एक लेन-देन पर एमडीआर ज्यादा से ज्यादा 200 रुपये ही हो सकता है।
अगर छोटे व्यापारी ने क्यू आर कोड की व्यवस्था कर रखी है तो वहां एमडीआर की दर की सीमा 0.3 फीसदी होगी। 20 लाख रुपये से ज्यादा का सालाना कारोबार करने वाले व्यापारी के लिए एमडीआर की दर 0.9 फीसदी तक होगी।
क्यू आर कोड की सूरत में एमडीआर की दर 0.8 फीसदी होगी। दोनों ही स्थिति में एक लेन-देन पर एमडीआर ज्यादा से ज्यादा 1000 रुपये हो सकता है। एमडीआर की यही दरें ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के लिए भी लागू होंगी।
यह भी पढ़ें: TRP Ratings: 'कुमकुम' और 'कुंडली भाग्य' ने मारी बाजी, जानें बिग बॉस है कितने नंबर पर
कारोबार से जुड़ी ख़बरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Sonam Kapoor Postpartum Weight Gain: प्रेगनेंसी के बाद सोनम कपूर का बढ़ गया 32 किलो वजन, फिट होने के लिए की इतनी मेहनत
-
Randeep Hooda: रणदीप हुडा को मिला लता दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार, सोशल मीडिया पर जताया आभार
-
Kajol Workout Routine: 49 की उर्म में ऐसे इतनी फिट रहती हैं काजोल, शेयर किया अपना जिम रुटीन
धर्म-कर्म
-
Vikat Sanakashti Chaturthi 2024: विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत कब? बस इस मूहूर्त में करें गणेश जी की पूजा, जानें डेट
-
Shukra Gochar 2024: शुक्र ने किया मेष राशि में गोचर, यहां जानें किस राशि वालों पर पड़ेगा क्या प्रभाव
-
Buddha Purnima 2024: कब है बुद्ध पूर्णिमा, वैशाख मास में कैसे मनाया जाएगा ये उत्सव
-
Shani Shash Rajyog 2024: 30 साल बाद आज शनि बना रहे हैं शश राजयोग, इन 3 राशियों की खुलेगी लॉटरी