Advertisment

भगोड़े अपराधियों की संपत्ति होगी जब्त, कैबिनेट ने अध्यादेश को मंजूरी दी

बैंकों को चूना लगाकर विदेश भागने वाले आर्थिक अपराध करनेवालों की संपत्तियां अब जब्त की जाएंगी। केद्रीय मंत्रिमंडल ने इसके लिए एक अध्यादेश पर शनिवार को अपनी मुहर लगा दी।

author-image
saketanand gyan
एडिट
New Update
भगोड़े अपराधियों की संपत्ति होगी जब्त, कैबिनेट ने अध्यादेश को मंजूरी दी

नीरव मोदी और विजय माल्या (फाइल फोटो)

Advertisment

बैंकों को चूना लगाकर विदेश भागने वाले आर्थिक अपराध करनेवालों की संपत्तियां अब जब्त की जाएंगी। केद्रीय मंत्रिमंडल ने इसके लिए एक अध्यादेश पर शनिवार को अपनी मुहर लगा दी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में भगोड़ा आर्थिक अपराधी अध्यादेश-2018 लाने का फैसला किया गया। यह अध्यादेश पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी के हालिया मामले के उजागर होने के बाद लिया गया है।

पीएनबी-धोखाधड़ी के इस मामले में आरोपी हीरा कारोबारी नीरव मोदी और उनके मामा मेहुल चोकसी बैंक को करीब 13,000 करोड़ रुपये से अधिक की चपत लगाकर देश से पलायन कर चुके हैं।

इसके अलावा विजय माल्या समेत कुछ और लोग बैंकों को चूना लगाने के आरोपी देश छोड़ कर भाग गए हैं। निष्क्रिय हो चुकी विमानन कंपनी किंगफिशर एयरलाइन्स के मालिक माल्या बैंकों से भारी कर्ज लेकर कुछ साल पहले देश से पलायन कर लंदन चले गए हैं।

सूत्रों के मुताबिक, अध्यादेश का मकसद आर्थिक अपराधियों पर भारतीय न्यायालयों के अधिकार क्षेत्र से बाहर रहकर भारतीय कानून की प्रक्रिया से बचने के मामले में लगाम कसना है।

अध्यादेश के तहत भारत या विदेशों में अपराध से अर्जित संपत्तियों की कुर्की शीघ्र करने के लिए एक विशेष मंच बनाया जाएगा।

यह मंच भगोड़े अपराधियों की भारत वापसी के लिए दबाव बनाएगा, जिससे अपराध के मामलों में भारतीय अदालतों के अधिकार क्षेत्र में उनके खिलाफ मुकदमा चलाना आसान होगा।

अध्यादेश में किसी व्यक्ति को आर्थिक अपराध का भगोड़ा घोषित करने के लिए धनशोधन कानून 2002 के तहत विशेष अदालत का प्रावधान किया गया है।

और पढ़ें: बदलेगा कानून, 12 साल से कम उम्र की बच्चियों से रेप पर मिलेगी मौत

आर्थिक अपराध का भगोड़ा उस व्यक्ति को कहा जाता है, जिसके खिलाफ अनुसूचित अपराध में गिरफ्तारी का वारंट जारी किया गया है और वह आपराधिक अभियोग से बचने के लिए देश से पलायन कर चुका है या विदेश में निवास कर रहा है और आपराधिक मुकदमे का सामना करने के लिए भारत आने से इनकार करता है।

इस अध्यादेश में आर्थिक अपराध के तहत अपराधों की एक सूची दी गई है।

साथ ही, ऐसे मामलों से अदालत पर बोझ नहीं बढ़े, इसलिए अध्यादेश के दायरे में सिर्फ उन्हीं मामलों को शामिल किया गया है, जिनका कुल मूल्य 100 करोड़ रुपये या उससे अधिक हो।

सूत्रों के मुताबिक, अध्यादेश से भगोड़े आर्थिक अपराधियों के मामले में कानून का अनुपालन दोबारा बनाए रखने की उम्मीद की जा रही है, क्योंकि आरोपियों को भारत लौटकर मामले में मुदकमे का सामना करने के लिए बाध्य किया जाएगा।

और पढ़ें: आर्थिक मंदी का गहरा सकता है संकट, वैश्विक कर्ज रिकॉर्ड स्तर पर: IMF

HIGHLIGHTS

  • अध्यादेश में आर्थिक अपराध के तहत अपराधों की एक सूची दी गई है
  • मंत्रिमंडल की बैठक में भगोड़ा आर्थिक अपराधी अध्यादेश-2018 लाने का फैसला
  • संपत्तियों की कुर्की शीघ्र करने के लिए एक विशेष मंच बनाया जाएगा

Source : IANS

fugitive offenders Central Cabinet Fugitive fugitive economic offenders PNB economy PNB Scam
Advertisment
Advertisment
Advertisment